एक क्लासिकल दुविधा: प्रतिनिधित्व बनाम वास्तविकता
सचिन श्रीवास्तव प्रतिनिधित्व बनाम वास्तविकता, एक क्लासिकल दुविधा है। कोई भी सामाजिक-राजनीतिक कार्यकर्ता या सोचने समझने वाला व्यक्ति इससे एक न एक बार जरूर गुजरता है। चाहे वह खुद इस … Read More
सचिन श्रीवास्तव प्रतिनिधित्व बनाम वास्तविकता, एक क्लासिकल दुविधा है। कोई भी सामाजिक-राजनीतिक कार्यकर्ता या सोचने समझने वाला व्यक्ति इससे एक न एक बार जरूर गुजरता है। चाहे वह खुद इस … Read More