Mumbai 400008: संविधान लाइव में ‘मुंबई 400008: गली नंबर 10’ डॉक्यूमेंट्री फिल्म की स्क्रीनिंग
Mumbai 400008: संविधान लाइव में ‘मुंबई 400008: गली नंबर 10’ डॉक्यूमेंट्री फिल्म की स्क्रीनिंग
भोपाल। कोविड महामारी के दौरान देश में पैदा हुई तमाम दिक्कतों और परेशानियों को दर्ज किया गया, लेकिन इसी समय एक तबका ऐसा भी था, जिसकी परेशानियां दर्ज होने से छूटती रही। वे हमेशा अपने ग्राहकों पर निर्भर रहे हैं। उन्हीं की दस्तक से इस तबके का पेट पलता है। देशव्यापी लॉकडाउन ने रोजमर्रा की यह व्यवस्था भी उनसे छीन ली। सारी आस जब छूटने लगे तब सरकार से ही उन्हें उम्मीद थी, लेकिन सरकार भी इस तबके के परेशानियों को जानते हुए भी कोई ऐसा कदम नहीं उठा सकी, जिससे उनकी जिंदगी कुछ आसान हो पाती।
यह सारी कहानी है मुंबई के कमाठीपुरा में रह रहे सेक्स वर्कर्स की। इनकी समस्याओं को केंद्र में रखते हुए स्वतंत्र पत्रकार और डॉक्यूमेंट्री फिल्म मेकर संतोषी गुलाबकली मिश्रा ने डॉक्यूमेंट्री फिल्म बनाई। नाम है ‘मुंबई 400008: गली नंबर 10’ (Mumbai 400008)। संतोषी मिश्रा बतौर पत्रकार बॉम्बे ब्लास्ट, मिड डे और इंडियन एक्सप्रेस जैसे कई समूहों से जुड़ी रही हैं। उन्होंने मुंबई आतंकी हमले पर इन्वेस्टिगेटिव रिपोर्टिंग भी की है। वर्तमान में वे सामाजिक विषयों आधारित डॉक्यूमेंट्री निर्माण के साथ नेशनल हेराल्ड से जुड़ी हैं।
संविधान लाइव की ओर से शुक्रवार को उनकी ताजा डॉक्यूमेंट्री फिल्म (Mumbai 400008) की स्क्रीनिंग की गई। स्क्रीनिंग के बाद भोपाल के सामाजिक राजनीतिक कार्यकर्ताओं और बस्तियों में कार्यरत साथियों ने संतोषी से डॉक्यूमेंट्री से संबंधित और सेक्स वर्कर्स के हाल पर तमाम सवाल किए। कोविड महामारी से उपजे लॉकडाउन ने देश के हर नागरिक को प्रभावित किया। ऐसे में कई नागरिकों की समस्याएं सुनी गई और कई को अनसुना किया गया। अनसुने किए गए किस्सों में सेक्स वर्कर्स की भी कहानी शामिल है जिसे यह डॉक्यूमेंट्री दर्ज करती है।
लॉकडाउन का सेक्स वर्कर्स पर असर होने के साथ उनकी तकलीफों से गुजरती जिंदगी भी डॉक्यूमेंट्री (Mumbai 400008) में शामिल है। तंग गलियों और सेक्स वर्क तक पहुंचने का सफर, रोजमर्रा की उनकी जरूरतें, उनकी ख्वाहिशें, उनके सपने, उनकी बदनामियां और आखिर तक की कहानी में उनकी गुमनाम होकर जीने की चाहत को डॉक्यूमेंट्री (Mumbai 400008) अपने ढंग से दर्ज करती है। डॉक्यूमेंट्री फिल्म में सरकार की नाकामियां भी उजागर होती हैं। चूंकि सरकार हर तबके के लिए कोई न कोई योजना जरूर बनाती है लेकिन सेक्स वर्कर्स के लिए उसके पास कोई योजना नहीं है।
लॉकडाउन में जब यह पूरा समूह आर्थिक रूप से लाचार हो गया, तब सरकार ने कुछ आर्थिक मदद की घोषणा भी की, लेकिन इस फैसले पर ठीक से अमल नहीं हो सका। इसी तरह के तमाम परेशानियां को डॉक्यूमेंट्री ‘मुंबई 400008: गली नंबर 10’ (Mumbai 400008) साहसिक ढंग से कैद करती है।
फिल्म स्क्रीनिंग में हर उम्र वर्ग के लोगों की मौजूदगी रही। इसमें ऑल इंडिया किसान सभा के संयुक्त सचिव बादल सरोज, विकास संवाद से जावेद अनीस, पत्रकार प्रथमेश, अर्चना शर्मा समेत सामाजिक कार्यों से संबद्ध तमाम लोगों ने अपनी सहभागिता की। फिल्म स्क्रीनिंग कार्यक्रम का संयोजन सीमा कुरूप और वासिफ हिसाम ने किया। कार्यक्रम का संचालन सचिन श्रीवास्तव ने किया।