World War 3 tensions

तीसरे विश्व युद्ध की आशंका: क्या दुनिया एक बड़े संघर्ष की ओर बढ़ रही है?

World War 3 tensionsसचिन श्रीवास्तव
क्या दुनिया एक और महायुद्ध की ओर बढ़ रही है? यह सवाल हाल ही में बार-बार उठ रहा है, और इसकी वजहें भी साफ हैं। दुनिया भर में बड़े युद्धों की संभावनाएं लगातार बढ़ रही हैं—रूस-यूक्रेन युद्ध थमने का नाम नहीं ले रहा, इज़राइल-गाजा संघर्ष और भड़कता जा रहा है, चीन-ताइवान के बीच तनाव खतरनाक स्तर पर पहुंच चुका है, और अमेरिका-रूस-चीन के बीच रणनीतिक टकराव गहराता जा रहा है।

इतिहास गवाह है कि जब वैश्विक शक्तियां लगातार टकराव की स्थिति में होती हैं, अर्थव्यवस्था डगमगाने लगती है, और देशों के बीच अविश्वास बढ़ता है, तो बड़े युद्धों की भूमिका तैयार होती है। मौजूदा दौर में भी यही सब हो रहा है। हथियारों की होड़ तेज हो रही है, वैश्विक आर्थिक संकट गहराता जा रहा है, और बड़े देशों के बीच प्रॉक्सी वॉर (प्रतिनिधि युद्ध) चल रहे हैं। सवाल यह है कि क्या ये टकराव एक और विश्व युद्ध की जमीन तैयार कर रहे हैं? या फिर कूटनीति के जरिए इसे टाला जा सकता है? यही सवाल आज सबसे ज्यादा प्रासंगिक हो गया है।

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तीसरे विश्व युद्ध की संभावना को समझने के लिए हमें मौजूदा अंतरराष्ट्रीय परिस्थितियों का गहराई से आकलन करना होगा। आज की वैश्विक स्थिति 20वीं सदी के विश्व युद्धों से अलग है, लेकिन कई समानताएं भी हैं, जो इसे गंभीर चिंता का विषय बनाती हैं। अलग-अलग मोर्चों पर बढ़ता तनाव, आर्थिक अस्थिरता, राजनीतिक ध्रुवीकरण और सैन्य गठजोड़ दुनिया को एक बड़े संघर्ष की ओर धकेल सकते हैं।

World War 3 tensionsरूस-यूक्रेन युद्ध और पश्चिमी हस्तक्षेप
फरवरी 2022 में रूस ने यूक्रेन पर हमला किया, जिससे यूरोप में युद्ध की स्थायी स्थिति बन गई। अमेरिका और नाटो खुले तौर पर यूक्रेन को हथियार और वित्तीय सहायता दे रहे हैं, जिससे यह युद्ध सिर्फ रूस और यूक्रेन तक सीमित नहीं रह गया है। अगर नाटो देश सीधे युद्ध में शामिल होते हैं, तो यह पूरी दुनिया को प्रभावित कर सकता है। रूस कई बार संकेत दे चुका है कि अगर उसकी संप्रभुता को खतरा हुआ, तो वह परमाणु हथियारों का इस्तेमाल कर सकता है। इस युद्ध के कारण तेल और गैस की कीमतें बढ़ गई हैं, जिससे वैश्विक अर्थव्यवस्था प्रभावित हुई है।

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इजराइल-फिलिस्तीन संघर्ष और पश्चिम एशिया में बढ़ता तनाव
अक्टूबर 2023 में गाजा पट्टी में इजराइल और हमास के बीच हिंसा भड़क उठी, जिसने पूरे पश्चिम एशिया को अस्थिर कर दिया। अगर यह युद्ध बढ़ता है और ईरान इसमें खुलकर कूदता है, तो अमेरिका और पश्चिमी देश सीधा हस्तक्षेप कर सकते हैं। हिज़्बुल्लाह, सीरिया और यमन जैसे कई दूसरे गुट भी इसमें शामिल हो सकते हैं, जिससे यह क्षेत्रीय युद्ध का रूप ले सकता है। तेल के बाजार पर असर पड़ना ही है। यह संघर्ष दुनिया के तेल व्यापार को बाधित कर सकता है, जिससे वैश्विक अर्थव्यवस्था प्रभावित होगी।

चीन-ताइवान तनाव और एशिया-प्रशांत क्षेत्र में युद्ध की आशंका
चीन ताइवान को अपना हिस्सा मानता है, जबकि अमेरिका ताइवान को स्वतंत्र रखने के लिए उसे सैन्य और आर्थिक मदद दे रहा है। अमेरिका ने ‘इंडो-पैसिफिक’ रणनीतिक साझेदारी (AUKUS, QUAD) के तहत चीन को घेरने की योजना बनाई है। अगर चीन ताइवान पर हमला करता है, तो अमेरिका हस्तक्षेप करेगा, जिससे एशिया में एक बड़ा सैन्य टकराव हो सकता है। चीन और अमेरिका पहले से ही ट्रेड वॉर में उलझे हुए हैं, जिससे तकनीकी और आर्थिक मोर्चे पर भी तनाव बढ़ रहा है।

World War 3 tensionsअमेरिका-चीन-रूस का रणनीतिक टकराव
तीसरे विश्व युद्ध की संभावना तभी बनती है जब दुनिया दो अलग-अलग खेमों में बंट जाए, और अभी यही हो रहा है। पश्चिमी देश बनाम BRICS की लड़ाई तीखी होती जा रही है। अमेरिका और यूरोपीय देश एक तरफ हैं, जबकि चीन, रूस, भारत, ब्राजील, दक्षिण अफ्रीका जैसे देश BRICS के रूप में एक नई शक्ति बना रहे हैं। यूरोपीय संघ की आंतरिक राजनीति, रूस-यूक्रेन युद्ध, और अमेरिका पर बढ़ती निर्भरता भी एक नया समीकरण बना रही है। यह स्थिति दुनिया को उसी तरह विभाजित कर रही है, जैसा शीत युद्ध के दौरान हुआ था।

वैश्विक आर्थिक संकट और युद्ध की संभावना
इतिहास बताता है कि बड़े आर्थिक संकट अक्सर युद्ध को जन्म देते हैं। मौजूदा आर्थिक हालात भी यही संकेत दे रहे हैं। अमेरिका और यूरोप के कई देश मंदी की चपेट में हैं। चीन की विकास दर पहले जैसी नहीं रही, जिससे वैश्विक व्यापार पर असर पड़ रहा है। आर्थिक अस्थिरता से राजनीतिक अस्थिरता बढ़ती है, जिससे सरकारें युद्ध जैसे कदम उठाने को मजबूर हो सकती हैं।

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परमाणु हथियारों की दौड़ और संभावित खतरनाक स्थिति
अगर तीसरा विश्व युद्ध होता है, तो यह पूरी तरह अलग होगा क्योंकि इस बार दुनिया में कई देश परमाणु शक्ति संपन्न हैं। रूस, अमेरिका, चीन, उत्तर कोरिया, भारत और पाकिस्तान, ये सभी देश परमाणु हथियार रखते हैं। परमाणु हथियारों का प्रयोग अब कोई कल्पना नहीं है। रूस पहले ही परमाणु हमले की धमकी दे चुका है, और उत्तर कोरिया भी बार-बार अपने मिसाइल परीक्षण कर रहा है। हालांकि कोई भी देश सीधे परमाणु युद्ध नहीं चाहता, लेकिन तनाव बढ़ने पर कोई गलती भारी पड़ सकती है।

क्या दुनिया तीसरे विश्व युद्ध की ओर बढ़ रही है?
तीसरे विश्व युद्ध की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता, लेकिन अभी दुनिया पूरी तरह से युद्ध की ओर नहीं बढ़ रही है। यह स्थिति एक “नए प्रकार के शीत युद्ध” जैसी लगती है, जिसमें युद्ध पारंपरिक रूप में नहीं हो रहा, लेकिन तनाव कई स्तरों पर जारी है। सीधे सैन्य संघर्ष की बजाय प्रॉक्सी वॉर जारी हैं। रूस-यूक्रेन, इजराइल-फिलिस्तीन और यमन जैसे युद्ध इसी के उदाहरण हैं। तकनीकी और आर्थिक युद्ध भी चल रहे हैं। अमेरिका-चीन का ट्रेड वॉर और सेमीकंडक्टर टेक्नोलॉजी पर विवाद इसका उदाहरण हैं। राजनीतिक और कूटनीतिक संतुलन बना हुआ है। अमेरिका, रूस, चीन, भारत जैसे देश अभी सीधे टकराने से बच रहे हैं। परमाणु हथियारों की वजह से देश सतर्क हैं। बड़े युद्ध का खतरा होने के बावजूद, देश परमाणु संघर्ष से बचने की कोशिश कर रहे हैं।

क्या तीसरा विश्व युद्ध टल सकता है?
अगर कूटनीतिक संवाद और वैश्विक शक्ति-संतुलन बनाए रखा गया, तो शायद दुनिया सीधे विश्व युद्ध की ओर नहीं बढ़ेगी। लेकिन अगर रूस-नाटो, चीन-अमेरिका, या पश्चिम एशिया में किसी भी मोर्चे पर नियंत्रण खोया गया, तो यह एक भयानक वैश्विक संघर्ष का रूप ले सकता है। फिलहाल, दुनिया एक खतरनाक दौर से गुजर रही है। चाहे युद्ध सीधे न हो, लेकिन आर्थिक, सैन्य और तकनीकी स्तर पर दुनिया लगातार टकराव की स्थिति में है। अगर यह संतुलन बिगड़ा, तो तीसरा विश्व युद्ध ज्यादा दूर नहीं होगा।