Girish Gautam: लोकतंत्रिक पद्धति पर विश्वास से तय होती है आंदोलन की दिशा: गिरीश गौतम
संविधान लाइव की विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम (Girish Gautam) से खास बातचीत
“फेसबुक से बेहतर है फेस टू फेस”
“दोनों पैर उठाकर नहीं दौड़ा जा सकता, दौड़ने के लिए एक पैर जमीन पर रखा होना जरूरी है।”
“परिवर्तन होता रहता है। नई पीढ़ी आती है। बदलाव लाती है। कुछ न कुछ बेहतर रचने का आंदोलन चलता रहेगा।”
ये बातें मध्य प्रदेश के वर्तमान विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम जी (Girish Gautam) ने संविधान लाइव (Samvidhan Live) से खास बातचीत में कहीं। मौका था आंदोलन अपडेट श्रृंखला के दूसरे संस्करण की शुरुआत का। इस बार हम आंदोलन अपडेट श्रृंखला के अंतर्गत बात कर रहे हैं विभिन्न आंदोलनों के नए पुराने जमीनी साथियों से। ताकि समझ सकें कि वक्त बदलने के साथ दुनिया को बेहतर बनाने के औजारों और लोगों के गुस्से के रचनात्मक इस्तेमाल की तकनीक में क्या बदलाव आया है।
इसकी पहली कड़ी में प्रस्तुत है विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम जी (Girish Gautam) से संविधान लाइव की यह खास बातचीत। इस बातचीत को कैमरे में कैद किया है संविधान लाइव के साथी और ख्यातिलब्ध फोटो जर्नलिस्ट गगन नायर ने। बातचीत में सहयोग रहा राहुल भायजी का।
बातचीत के पहले हिस्से में गिरीश जी (Girish Gautam) अपनी राजनीतिक यात्रा और उनमें आंदोलनों की भूमिका पर बात करते हैं, तो दूसरे हिस्से में मौजूदा दौर के आंदोलनों की टोह लेते हुए 40 साल पहले के किस्सों को याद करते हैं।
उन्होंने भारतीय कम्यूनिस्ट पार्टी से भाजपा में आने के कारणों पर भी बेबाकी से बात की और चुनावी राजनीति से आंदोलन के संबंधों पर अपने विचार भी संविधान लाइव से साझा किए। व्यक्ति, समाज और समूह के स्वार्थों पर टिप्पणी करते हुए गिरीश जी (Girish Gautam) बहुत खूबसूरती से दुनिया को बदलने में आंदोलनों की भूमिका को रेखांकित करते हैं।
इस पूरी बातचीत को यहां सुना जा सकता है।
यह आंदोलनों का दौर है। रोटी, रोजगार से लेकर खेती—किसानी, विकास और संस्कृति की रक्षा तक के लिए तमाम तरह के आंदोलन जारी हैं। इनके बारे में संविधान लाइव (Samvidhan Live) टीम आपको अपडेट देती रहेगी। उम्मीद है आंदोलन अपडेट के दूसरे संस्करण से आप जुड़े रहेंगे। हमें अपनी टिप्पणी, विचार या सुझाव [email protected] पर भेज सकते हैं।