घर की महिलाओं से लॉकडाउन ने छीना चैन-सुकून

घर की महिलाओं से लॉकडाउन ने छीना चैन-सुकून

अमरीन

भोपाल। लॉकडाउन को लेकर एलान है कि कोई भी अपने घर से बाहर नही जाएगा। यह एलान अपनी जगह है, लेकिन घरों में ‘कैद’ महिलाओं की जिंदगी में उलझन और परेशानी बढ़ गई है। काम करने वाले पति को तो काम के बाद एक दिन की छुट्टी मिलती है, लेकिन इन महिलाओं को नहीं। लॉकडाउन में घर की महिलाओं का काम और बढ़ गया है और पतियों का आराम। एक जर्नी ऐसी ही महिलाओं के घरों की…Lock-down 2021

आम दिनों में महिलाएं घर का पूरा काम और बच्चों की देखभाल करती हैं। पूरे परिवार को संभालने के बाद भी अगर खाना खरब बन जाए या महिलाओं से कुछ काम में गलत हो जाए तो घर के बड़ों के ताने भी सुन्ने पड़ते हैं। ऊपर से पति की मारपीट भी सहना पड़ती है। आम दिनों में पहले ही महिलाओं की दशा घरों के अंदर ठीक नहीं है, अब लॉकडाउन ने उन्हें अनलिमिटेड टाइम के लिए मज़दूर बना दिया है। मर्द दिन भर घरों में रहते हैं और उन पर हुक्म चलाते रहते हैं।

यह भी पढ़ें:  The Kashmir Files: लोगों को बांटने का खतरनाक खेल

अब तो जब जिसका मन करता है वह हुक्म बजाता रहता है। कभी चाय की फरमाइश है तो कभी खाने में नमक ज्यादा होने की शिकायत है। कुछ काम में गलती हो जाए तो ताने और मारपीट शुरू हो जाती है। इन हालात में महिलाओं को न तो आराम मिल पा रहा है और न अपने बारे में सोचने की फुरसत ही है। लॉकडाउन ने महिलाओं से उनका चैन और आराम छीन लिया है।

लॉकडाउन उनके लिए मुसीबत बन गया है। घरों में दिन भर जमे मर्दों के लिए महिलाओं के प्रति संवेदना के दो लफ्ज भी नहीं हैं। वह प्यार के दो बोल के लिए भी तरस जाती हैं। बचपन से उन्हें भी यह सिखाया जाता है कि पत्नियों को ऐसे ही रखना है, जिस तरह से लड़कियों को सिखाया जाता है कि उनका बस एक काम है हर तरह से पति को खुश रखना। महिलाएं क्या चाहती हैं, उनकी क्या सोच है, उनके पति यह कभी नहीं जानना चाहते हैं। अहम बात यह है कि समाज ही नहीं सरकार के स्तर पर भी इन महिलाओं के बारे में कभी कोई चर्चा या बात नहीं होती है।