लॉकडाउन के नाम पर बेवजह लाठी चार्ज

लॉकडाउन के नाम पर बेवजह लाठी चार्ज

भोपाल। बाग फरहत अफज़ा में रहने वाले निवासी एवं अन्य बस्तियों में रहने वाले निवासी पुलिस के रवैए एवं बदतमीजी से परेशान हो रहे हैं। बस्ती के लोगों ने बताया कि जब भी कोई पुरुष या लड़का बाहर जाते हैं। चाहे कोई भी काम से जायें तो पुलिस उनके साथ मारपीट करती है और बदतमीजी से पेश आती है। वैसे तो कोई बाहर नही जाता है, पर ज्यादातर यहां रहवासी मज़दूर हैं। रोज़ का खाते कमाते हैं और हर मज़दूर को कमाने के लिए कुछ न कुछ काम चाहिए बिना कमाय उनका घर परिवार तो नहीं चलेगा। बस काम की तलाश के बाहर निकलना पड़ता है। या कोई ठेला या अन्य काम कर रहे हैं। पर पुलिस का रवैया और उनके डर से बाहर निकलना भी मुश्किल हो रहा है।

यह भी पढ़ें:  सोशल डिस्टेंसिंग की उड़ाई जा रही धज्जियां, आवश्यक वस्तुओं के बढ़ रहे दाम

जब भी बाहर निकलो तो कोई ना कोई मुखबरी कर देता हैं। या पुलिस मिल जाती है तो वो ही मारपीट करती है। और मुखबरी तो थाने में बंद कर देती है। ऐसा ही मेरे दोस्त के साथ भी किया गया था उसकी मुखबरी की किसी ने और उस पर धारा लगा दी गई जिस धारा के बारे में मेरे दोस्त को पता भी नहीं था। और उसे छोड़ने के लिए उससे पैसे मांगे। जब उसने पैसे देने को मना किया तो पुलिस ने उनको जेल में भेजने की धमकी दी उसने दर की वजह से पैसे देदिये पुलिस हमको अलग अलग तरीके से डराने ओर पैसे कमाने की कोशिश कर रही है। ओर सिर्फ मेरे दोस्त को ही नहीं बल्कि उनके परिवार के पुरुषो को भी धमकाया लॉकडाउन के नाम से ओर मज़दूरों से ही कमा रही है।

यह भी पढ़ें:  Bhendi Bazaar: Beyond Underworld Dons, a Paradise for Artists

लोगो का कहने हैं। कि अब हमें कोरोना से नहीं बल्कि पुलिस के झूठ एवं लूट मार से डर लगता है।

अमरीन
15,4,2021