जनगीत हमारी प्रतिरोध की सांस्कृतिक विरासत का अहम औजार रहे हैं। लड़ाई के जमीनी साथी मिलें और वो जनगीत न गाएं ऐसा कम ही होता है। भोपाल के भारत भवन में भी ऐसी ही एक शाम जिसमें साथी लोकेश, सचिन, आशा, सत्यम, पवन और अब्दुल्ला ने मशहूर गीत तू जिंदा है… को गाया।