Suman Didi

Suman Didi: कोरोना के दौरान जो मिलता था, उसी को ​थोड़ा—थोड़ा पकाकर किया गुजारा

Suman Didi: गौतम नगर बस्ती की सुमन जी से अर्चना पुरबिया की बातचीत

Suman Didiगौतम नगर बस्ती में रहने वाली 35 साल की सुमन जी बिग बास्केट में झाडू पोंछा का काम करती हैं। वे छः महीने से झाडू पोछा का काम कर रही हैं।

वे बताती हैं कि ज्यादातर तो झाडू पोछा का ही काम करती हैं, लेकिन कभी-कभी पानी की टंकी को साफ करना, फ्रिज को पोंछना, कभी कुर्सी टेबल को साफ करना भी उनके काम में शामिल है। सुमन जी को इस काम के 17 सौ रुपये मिलते हैं।

वे बताती हैं कि मुझे काम से जो पैसा मिलता हैं, वो पैसा मैं घर खर्च पर लगाती हूं। मेरे घर पर काम करने वाले लोगों में मैं हूं और मेरा पति है। अभी मेरे पति को काम पर लग कर एक महीना हुआ है। उनको 5 से 6 हजार रुपए मिलते हैं।

सुमन जी ने बताया कि अगर वे छुट्टी लेती हैं, तो मेरा पैसा नहीं कटता। कभी-कभी वे दो टाइम जाती हैं। सुबह दस बजे और शाम को चार बजे। वे हर रोज जाती हैं।

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सुमन जी ने कहा कि, अगर मुझे छुट्टी चाहिए होती है, तो बोल देती हूँ। वे किसी और को काम पर नहीं रखते। आमतौर पर छुट्टी मिल जाती है।

सुमन कहती हैं कि, मैं मोबाइल रखती हूं। उस दुकान में सिर्फ में ही झाडू पोछा करती हूं। बाकी सब आर्डर लेने वाले लोग होते हैं।

वो जब काम नहीं करते थे, उस समय मैं अकेली ही काम करती थी और मैं ही सारा घर खर्च संभालती थी। मैं सुबह पांच बजे बीनने भी जाती हूं। बीनने के बाद वहां से सात या आठ बजे वापस आकर घर का काम करती हूं। बीनने से रोज 50 से 100 रुपए की कमाई हो जाती है। फिर बिगबास्केट में काम करने चली जाती हूं।

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सुमन ने बताया कि अभी कोरोना में बहुत परेशानी हुई। कोई रोजगार भी नहीं मिलता था। तीन महीने लॉक डाउन में बहुत परेशान हुए। कुछ काम भी नहीं था। बीनने भी जाते थे तो पुलिस वाले भगाते थे। बीनने नहीं देते थे। दुकान भी चालू नहीं थी। अगर दुकान चालू भी होते तो क्या करें पैसे नहीं रहते थे। कोई भी सामान खरीद नहीं पाते थे। कोरोना के समय सामान बांटने वाले आते थे तो उन से सामान लेकर उस को थोड़ा-थोड़ा बना कर खाते थे।

सुमन कहती हैं कि मुझे बिगबास्केट कभी कोई परेशानी नहीं हुई। सब लोग अच्छे से बात करते हैं। मुझे काम करते छह महीने हो गए पर कभी कोई बदसुलूकी नहीं हुई। सारे लोग अच्छे हैं दीदी कह कर बात करते हैं। वहां के सर साहब भी दीदी बोलते हैं।