NGO पर वैश्विक शिकंजा: विदेशी फंडिंग पर रोक और सरकारों की सख्ती का नया दौर

सचिन श्रीवास्तव हाल ही में दुनिया के कई देशों में गैर-सरकारी संगठनों (NGOs) पर निगरानी बढ़ाने, उनकी फंडिंग को रोकने और कानूनी कार्यवाही करने की घटनाएं तेज़ी से सामने आई … Read More

मोदी के बाद भाजपा: कौन निभाएगा वैश्विक लीडर की भूमिका

सचिन श्रीवास्तव पिछले दिनों भाजपा की आंतरिक बहसों यह सवाल तेजी से उठने लगा है कि मोदी के बाद भाजपा का नेता कौन होगा। चूंकि पार्टी अब सामूहिक नेतृत्व से … Read More

भारत की वैश्विक भूमिका और मोदी—भाजपा का हिंदुत्वादी एजेंडा

सचिन श्रीवास्तव हाल के दिनों में भारत के वैश्विक शक्ति बनने की देशज मंचों पर कई बार चर्चा होती रही है। वैश्विक परिस्थितियां भी यह संकेत दे रही हैं कि … Read More

वैश्विक परिदृश्य में भारत की भूमिका

सचिन श्रीवास्तव मौजूदा अंतरराष्ट्रीय हालात में भारत एक महत्वपूर्ण वैश्विक शक्ति के रूप में उभर रहा है, लेकिन इसकी भूमिका जटिल और संतुलनकारी है। भारत के सामने कई चुनौतियां और … Read More

अमेरिका के पतन के बाद की दुनिया: क्या नई विश्व व्यवस्था बनेगी?

सचिन श्रीवास्तव 20वीं सदी में अमेरिका सबसे शक्तिशाली देश था, लेकिन 21वीं सदी में उसका प्रभुत्व कमजोर हो रहा है। चीन, रूस और अन्य देश अब अमेरिका को चुनौती दे … Read More

अमेरिकी साम्राज्यवाद का भविष्य: क्या अमेरिका 21वीं सदी में भी विश्व शक्ति बना रहेगा?

सचिन श्रीवास्तव 20वीं सदी अमेरिका की थी— द्वितीय विश्वयुद्ध के बाद से अमेरिका ने खुद को दुनिया का “एकमात्र सुपरपावर” घोषित कर दिया था। लेकिन अब 21वीं सदी में हालात … Read More

लोकतंत्र की आड़ में साम्राज्यवाद: अमेरिका का रूस और चीन के खिलाफ छेड़ा गया युद्ध

सचिन श्रीवास्तव 2019 के बाद अमेरिका ने अपने दो सबसे बड़े प्रतिद्वंद्वियों— रूस और चीन के खिलाफ अपने आक्रामक अभियान को तेज कर दिया। रूस को घेरने के लिए अमेरिका … Read More

त्रिभाषा फ़ॉर्मूला: भाषा विवाद की राजनीतिक आंच

सचिन श्रीवास्तव त्रिभाषा फ़ॉर्मूले (Three-Language Formula) पर हिंदी में जो बहस चल रही है, उसकी ऐतिहासिक जड़ें, इसके पीछे की राजनीतिक मंशा, भाषा के माध्यम से सांस्कृतिक वर्चस्व की राजनीति … Read More

लोकतंत्र के नाम पर साम्राज्यवाद: अमेरिका की अरब क्रांति और सीरिया युद्ध में भूमिका

सचिन श्रीवास्तव 2003 के बाद अमेरिका ने अपनी रणनीति को और शातिर बना लिया। अब वह सीधे सैन्य हस्तक्षेप करने के बजाय ‘लोकतांत्रिक क्रांति’ और ‘मानवाधिकारों की रक्षा’ के नाम … Read More

लोकतंत्र के नाम पर साम्राज्यवाद: अमेरिका का मध्य-पूर्व में खूनी खेल

सचिन श्रीवास्तव 1991 से 2003 के बीच अमेरिका ने अपनी वैश्विक सत्ता बनाए रखने के लिए लोकतंत्र और मानवाधिकारों की रक्षा का दिखावा करते हुए मध्य-पूर्व को युद्ध के मैदान … Read More