1 सितंबर 2016 के राजस्थान पत्रिका में प्रकाशित सचिन श्रीवास्तव एमएमआर टीकाकरण का मामला किसी प्रतिष्ठित जर्नल में शोध या खबर प्रकाशित होने के बाद अक्सर अखबारों में उसके निष्कर्ष प्रकाशित होते … Read More
एशियाई समाज अपनी विविधता के बावजूद जिस एक डोर से बंधा है, वह अदृश्य होते हुए भी गाहे-बगाहे उदाहरणों से सामने आती रहती है। दिलचस्प है कि हिना-बिलावल के अंतरंग … Read More
काला पक्ष, कला का नहीं होता, अपराध का होता है। भाषाई दृष्टि से कला के बिल्कुल नजदीकी शब्द का अपराध से रिश्ता जोड़ना तब अटपटा नहीं लगता, जब पूरी दुनिया … Read More
भारतीय समाज में कामयाबी को उत्साही ढंग से मनाने का रिवाज रहा है। हाल ही में आए सीबीएसई और विभिन्न बोर्ड्स के नतीजों में भी यह पारंपरिक उत्साह कम नहीं … Read More
(21 अप्रैल को जनवाणी में प्रकाशित) निर्मल बाबा ने ऐसा कुछ खास नहीं कर दिया है, जिस पर हाय-तौबा मचाई जा रही है। व्यवस्था में निर्मल बाबाओं की भरमार है। … Read More