गुन्दे की सब्जी का स्वाद, अलीराजपुर की बीना बाई के साथ

संविधान लाइव यात्रा के दौरान हमारी मुलाकात अलीराजपुर में बीना बाई से हुई। उन्होंने गुन्दे के बारे में बताया। वे कहती हैं— गुन्दे को अलग-अलग जगह पर अलग-अलग नाम से जाना जाता है। जैसे अलीराजपुर में बंदे और गुजरात में गोंद बोलते हैं। रीवा और सतना के इलाकों में इसे लाभेर भी बोलते हैं। यह सब्जी साल में सिर्फ एक बार ही मार्च से लेकर जून तक के बीच मिलती है। गुन्दे की सब्जी अलीराजपुर में ज्यादातर मक्का की रोटी के साथ खाते हैं। इसकी सब्जी छाछ और कच्चे आम के साथ भी बनाई जाती है। इसके अलावा गुंदे का अचार भी बनाया जाता है। यहां के लोगों का मानना है कि इसकी सब्जी खाने से स्वास्थ्य काफी अच्छा रहता है। ज्यादातर लोग मौसमी सब्जी का इस्तेमाल करते हैं।

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