ये थोड़ी परेशानी के दिन हैं, फिर सब ठीक हो जाएगा, मुझे यकीन है, आपको नहीं है क्या!
कोरोना के कारण कुछ दिन लॉक डाउन की स्थिति है। इससे कुछ परेशानी तो होगी, लेकिन आगे सब ठीक हो जाएगा। इतना ठीक कि आप उम्मीद भी नहीं कर सकते। आप सरकार की दूरगामी को सोच को समझ ही नहीं सकते हैं। आप चिंता न करें, भरोसा रखें।
बस थाली बजाएं, ताली बजाएं। बाकी कुछ दिन परेशानी में गुजारें। घर में खाने पीने का सामान रख लें, लेकिन जमाखोरी न करें। अब ये आप खुद तय करें कि कितना सामान रखना जरूरत है, और कितना जमाखोरी। मतलब एक महीने का राशन भर लीजिए। बाकी सारी जरूरी सेवाओं में सरकार कोई कमी नहीं आने देगी।
आपको भरोसा तो है न सरकार पर
अरे देखिये आधार कार्ड बनवाने से थोड़ी परेशानी तो आई थी, लेकिन उसके फायदे बहुत हुए न। अब आपको किसी तरह के पहचान पत्र की जरूरत नहीं होती, बस आधार कार्ड से ही काम चल जाता है।
क्या कहा नहीं होता, वोटर, राशन, पासपोर्ट से लेकर समग्र आईडी तक की जरूरत होती है।
अच्छा अच्छा ठीक है
चलिये दूसरा उदाहरण लीजिए
नोटबंदी में थोड़ी परेशानी तो थी, लेकिन फिर अर्थव्यवस्था में बहुत सुधार आया। आज देखिये कालाधन कहीं नहीं है। सारा काम आनलाइन हो रहा है। पैसे की जमाखोरी भी बंद है। जो लोग पैसा दबाकर रखते थे उनका तो हाल खराब है। आम आदमी को नोटबंदी से बहुत फायदा हुआ है। गिनते गिनते उंगलियां कम पड़ जाएंगी।
और सुनिये
जीएसटी से कुछ समय परेशानी हुई, लेकिन आज टैक्स में कोई दिक्कत नहीं है। अब सब कुछ एक जैसा हो गया है। एक देश एक टैक्स। व्यापारी बहुत खुश हैं, छोटे बड़े सभी व्यापरियों के लिए बहुत काम का रहा है जीएसटी। इससे बहुत सी नई नौकरियां भी ईजाद हुई हैं।
क्या कहा उसमें भी टैक्स कलेक्शन गिर गया है। नौकरियां गई हैं। अरे ये सब आंकड़े झूठे है।
आप जमीन पर देखिये अपने मोहल्ले में सर्वे कर लीजिए। आपके मोहल्ले में कोई भी बेरोजगार मिल जाए तो कहियेगा। हमारे यहां तो किसी न किसी घर से रोज खुशखबरी आती है आज इसकी नौकरी लगी है, तो कल उसे प्रमोशन मिला है, परसों उसको नई नौकरी का आफर आया है।
और फिर धारा 370 के बाद कश्मीर में थोड़ी परेशानी हुई, लेकिन अब सब ठीक है। अब सब खुशहाल हैं, क्या कहा अभी भी कई रिस्ट्रक्शन हैं, लेकिन जमीन तो सभी ले पा रहे हैं न।
अरे वो संजय राउत शिवसेना वाले तो झूठ बोल रहे हैं, उन्होंने जमीन खरीदने की कोशिश ही नहीं की, आप जाइये आपको मिल जाएगी। बस कश्मीरियों को थोड़ी परेशानी हुई, लेकिन वो तो आतंकवादी ही हैं न।
बस इसी तरह थोड़ी थोड़ी परेशानी झेलते रहिये और उम्मीद रखिये कि सब ठीक हो जाएगा।
सरकार बहुत कुछ कर रही है, बस जमीन पर दिखता नहीं है। सरकार भी दिखती है क्या!