Paper Politics: अपने श्वेत पत्र में एनडीए का यूपीए पर हमला, तो कांग्रेस ने ब्लैक पेपर में गिनाईं सरकार की नाकामियां

Paper Politics: लोकसभा चुनाव और नई सरकार के गठन में 100 दिन से भी कम वक्त बचा है, ऐसे में सत्ताधारी एनडीए और विपक्षी इंडिया गठबंधन के बीच आरोप प्रत्यारोपों का दौर तेज होने लगा है। इसी क्रम में भाजपानीत केंद्र सरकार ने इंडिया के पूर्ववर्ती यूपीए कार्यकाल के 10 सालों पर श्वेत पत्र जारी किया है। संसद में श्वेत पत्र पेश किया गया है और अब इस पर बहस होगी। उसके बाद वित्त मंत्री खुद बहस का जवाब देंगी। अब शुक्रवार को दोपहर 12 बजे से श्वेत पत्र पर चर्चा शुरू हो सकती है।

वहीं कांग्रेस की ओर से मोदी सरकार के खिलाफ एक ब्लैक पेपर जारी किया। इस पेपर में कांग्रेस ने तमाम मुद्दों के अलावा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से बताई गईं चार जातियों (गरीब, महिलाएं, युवा और किसान) पर फोकस किया है। पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने 57 पेज का ब्लैक पेपर जारी करते हुए इसे 10 साल, अन्याय काल नाम दिया है। कांग्रेस ने सरकार और प्रधानमंत्री मोदी पर उनकी विफलताएं छिपाने का आरोप लगाया है। भाजपा सरकार की ओर से वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने श्वेत पत्र पेश है। इस पत्र में यूपीए कार्यकाल की आर्थिक नीतियों पर हमला किया है और कई मुद्दों पर घेरने की कोशिश की गई है। श्वेत पत्र में मोदी सरकार ने बताया है कि UPA सरकार ने देश की आर्थिक नींव कमजोर कर दी थी। ऐसे फैसले लिए गए जिनकी वजह से देश विकास में पिछड़ गया। इसके अलावा पत्र में जिक्र है कि यूपीए के समय रुपये में भारी गिरावट दर्ज की गई। सबसे बड़ी बात ये है कि जो यूपीए, मोदी सरकार पर आरोप लगाती है कि उसने बैंकिंग सेक्टर को तबाह कर दिया है। इसमें एक अहम मुद्दा विदेशी मुद्रा भंडार का भी उठाया गया है। मोदी सरकार के मुताबिक यूपीए कार्यकाल के दौरान देश का विदेशी मुद्रा भंडार रिकॉर्ड स्तर तक गिर गया था। ये गिरावट भी पिछली सरकार की कुरीतियों की वजह से बनी थी।

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने यूपीए सरकार के 10 सालों के कार्यकाल पर ‘श्वेत पत्र’ पेश करते हुए यूपीए सरकार पर आर्थिक कुप्रबंधन के आरोप लगाए हैं। इसके अलावा देश पर कर्ज बढ़ाने और आम आदमी के स्वास्थ्य आदि पर खर्च में भी इजाफा होने का दावा इसमें किया गया है। श्वेत पत्र में यूपीए के दौर में डिफेंस सेक्टर में भी कमजोरी का दावा किया गया है। इसमें कहा गया है कि यूपीए सरकार के कार्यकाल में रक्षा क्षेत्र की तैयारियां कमजोर थीं।

इस श्वेत पत्र में यूपीए सरकार के दौरान 15 घोटाले होने का दावा किया गया है। श्वेत पत्र में जिन घोटालों का जिक्र किया गया है, उनमें टूजी स्कैम और कोल ब्लॉक के आवंटन का घोटाला भी शामिल है। इन दोनों घोटालों की उस दौरान खूब चर्चा हुई थी और अन्ना आंदोलन से लेकर बाबा रामदेव के प्रदर्शन तक में इनका जोरशोर से जिक्र होता था। श्वेत पत्र में नौकरी के बदले जमीन घोटाले को भी शामिल किया गया है। जिसमें लालू यादव और उनके परिवार के खिलाफ जांच चल रही है। यह घोटाले तब होने का दावा किया जाता है, जब लालू यादव रेल मंत्री थे।

यह भी पढ़ें:  Farmers Protest: क्या अब किसानों के शाहीन बाग तैयार करना चाहती है केंद्र सरकार?

इसके अलावा श्वेत पत्र में शारदा चिटफंड स्कैम, राष्ट्रमंडल खेल घोटाला, एयरसेल-मैक्सिस और आईएनएक्स मीडिया केस का भी जिक्र किया गया है। गुरुग्राम और पंचकूला में लैंड डील, एंट्रीक्स देवास डील, आदर्श हाउसिंग सोसायटी घोटाला और अगस्ता वेस्टलैंड चॉपर डील का भी जिक्र हुआ है।

कांग्रेस ने ब्लैक पेपर में बताई भाजपा की चार जातियों की हकीकत

कांग्रेस की ओर से अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने पीएम नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार के खिलाफ गुरुवार को एक ब्लैक पेपर जारी किया है। इसमें कहा गया है कि देश का सबसे बड़ा मुद्दा बेरोजगारी है, लेकिन मोदी सरकार ने उसकी कभी बात ही नहीं की। यहां तक कि जिस राज्य में भाजपा का शासन नहीं है, वहां मनरेगा का पैसा भी नहीं देती और बाद में कहती है कि पैसा रिलीज किया गया, लेकिन खर्च नहीं किया गया।

इस पेपर में कांग्रेस ने तमाम मुद्दों के अलावा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से बताई गईं चार जातियों (गरीब, महिलाएं, युवा और किसान) पर फोकस किया है। पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने 57 पेज का ब्लैक पेपर जारी करते हुए इसे 10 साल, अन्याय काल नाम दिया है। कांग्रेस ने सरकार और प्रधानमंत्री मोदी पर उनकी विफलताएं छिपाने का आरोप लगाया। खरगे ने कहा कि ऐसे में इस सरकार के खिलाफ ब्लैक पेपर लाने का फैसला किया गया। कांग्रेस ने अपने इस ब्लैक पेपर में मोदी सरकार के 10 साल में युवाओं, महिलाओं, किसानों, अल्पसंख्यकों और श्रमिकों पर हुए अन्याय का जिक्र किया।

कांग्रेस ने आंकड़े प्रस्तुत करते हुए कहा कि भाजपा के इस काल में बेरोजगारी 45 वर्षों में सबसे अधिक पहुंच गई है। 2012 में बेरोजगारी एक करोड़ थी, जो 2022 में बढ़कर लगभग 4 करोड़ हो गई है। 10 लाख स्वीकृत पद खाली पड़े हैं। ग्रेजुएट्स और पोस्ट ग्रेजुएट्स के मामलों में बेरोजगारी दर लभगत 33 फीसदी है। हर तीन में से एक युवा नौकरी की तलाश रहा है। हर घंटे दो बेरोजगार आत्महत्या कर रहे हैं। कांग्रेस ने ब्लैक पेपर में बताया कि वैश्विक बाजार में कच्चे तेल की कीमत मई 2014 में 2024 के बीच 20 फीसदी तक गिर गई है। कीमतों में प्रति बैरल 100 डॉलर से 79 डॉलर की कमी आई है। इसके बावजूद मोदी सरकार एलपीजी, पेट्रोल और डीजल की कीमतों में वृद्धि करती रहती है, जिससे अन्य सभी वस्तुएं महंगी हुईं।

किसानों के संकट पर कांग्रेस ने कहा कि भाजपा सरकार ने किसानों की आय दोगुनी करने का वादा किया था। लेकिन इसकी जगह एमएसपी में निराशाजनक वृद्धि हुई और पीएम के पूंजीपति मित्रों की समृद्ध करने के लिए संसद के माध्यम से तीन कृषि कानूनों को पारित किया गया। इन काले कानूनों के खिलाफ आवाज उठाते हुए 700 किसान शहीद हुए। पीएम फसल बीमा योजना के तहत बीमा कंपनियों ने 40 हजार करोड़ रुपये का मुनाफा किया है, जबकि हर घंटे एक किसान आत्महत्या कर रहे हैं।

यह भी पढ़ें:  Loksabha Elections 2024: एनडीए का 400 पार दावा! कितनी हकीकत, कितना फसाना

महिलाओं के साथ अन्याय पर कांग्रेस ने ब्लैक पेपर में कहा कि भारत में 2022 में कुल 31,516 बलाकात्कार के मामले दर्ज किए गए हैं। यह प्रतिदिन के हिसाब से औसतन 86 का आंकड़ा है। बलात्कार के मामले बढ़ते जा रहे हैं। जबकि सजा की दर बेहद कम 27.4 फीसदी है। कांग्रेस ने सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि आज चीन ने हमारी सैकड़ों किलोमीटर भूमि पर कब्जा कर लिया है, लेकिन मोदी सरकार चुप है। साथ ही अग्निपथ जैसी योजना लाकर सेना को कमजोर कर दिया है। इससे हमारे युवा देशभक्तों का मनोबल गिरा है। कांग्रेस ने कहा कि 2013 की तुलना में 2022 में एससी-एसटी समुदायों के खिलाफ अपराध 48 फीसदी तक बढ़ गए हैं। ओबीसी की गणना के लिए सामाजिक आर्थिक-जाति जनगणना आयोजित करने से सरकार का इंकार उन लोगों का अपमान है, जिन्हें नौकरियों और शैक्षणिक संस्थानों में प्रतिनिधित्व से वंचित किया जा रहा है।

खरगे ने बताया क्यों लाए ब्लैक पेपर
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि देश का सबसे बड़ा मुद्दा बेरोजगारी है, लेकिन मोदी सरकार ने उसकी कभी बात ही नहीं की। यहां तक कि जिस राज्य में भाजपा का शासन नहीं है, वहां मनरेगा का पैसा भी नहीं देती और बाद में कहती है कि पैसा रिलीज किया गया, लेकिन खर्च नहीं किया गया। सरकार हमेशा आजादी से पहले की बात करती रहती है। आज महंगाई कम करने के लिए क्या कदम उठाए जा रहे हैं, इस पर बात नहीं करती। मोदी की गारंटी पर कहा कि पिछले वादे तो पूरे किए नहीं गए और नई-नई गारंटियां दी जा रही हैं। यही नहीं उन्होंने केंद्र सरकार पर लोकतंत्र के खतरे का आरोप भी लगाया। उन्होंने कहा कि भाजपा लोकतंत्र खत्म करने की कोशिश कर रही है। भाजपा लोगों को डराकर अपने पक्ष में कर रही है। कांग्रेस के नेताओं को भी डराने की कोशिश कर रही है, लेकिन हम डरने वाले नहीं हैं। हम जनता की भलाई के लिए ब्लैक पेपर लेकर आए हैं।

गौरतलब है कि इससे पहले सरकार की ओर से कहा गया था कि 2014 से पहले और बाद की आर्थिक स्थिति की तुलना करने वाला व्हाइट पेपर सरकार लोकसभा पेश कर सकती है। इसे लेकर संसदीय वित्त समिति के अध्यक्ष और भाजपा के जयंत सिन्हा ने कहा कि ये श्वेत पत्र 2014 से पहले देश की खराब आर्थिक स्थिति के बारे में जानकारी देगा और लोगों को पता चलेगा कि मोदी सरकार ने कैसे अर्थव्यवस्था में सुधार किया। वहीं वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपने बजट भाषण में व्हाइट पेपर लाने का एलान करते हुए कहा था कि 2014 से पहले कैसे भारत की अर्थव्यवस्था संकट में थी और उन वर्षों के संकट से उबरने अर्थव्यवस्था को विकास पथ पर ले जाने के लिए किस तरह से मेहनत की गई। कांग्रेस नीत यूपीए सरकार के कुप्रबंधन को जिम्मेदार ठहराते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 1 फरवरी को कहा था कि सरकार सदन के पटल पर एक श्वेत पत्र रखेगी।