शांत, चुप और चौंकाने में माहिर दुनिया की सबसे ताकत अर्थशास्त्री

26 अगस्त 2016 को राजस्थान पत्रिका में प्रकाशित

सचिन श्रीवास्तव26 अगस्त को अमरीका समेत पूरी दुनिया की नजरें फेडरल रिजर्व की प्रमुख जैनेट येलेन के भाषण पर होंगी। बीते एक सप्ताह से दुनियाभर के बाजार में दुनिया की सबसे ताकतवर अर्थशास्त्री येलेन के भाषण की चर्चा है, जो अभी दिया ही नहीं गया है। इसकी वजह है 16 दिसंबर 2015 का जैनेट का वह भाषण जिसमें उन्होंने 2006 के बाद पहली बार ब्याज दर बढ़ाने की घोषणा की थी। फेडरल रिजर्व के इतिहास में कुछ सबसे चौंकाऊ कदमों के लिए याद की जाने वाली यह डेमोक्रेट अर्थशास्त्री अपनी भावनाओं को छुपाने में माहिर है। वे क्या फैसला लेंगी, इसकी भनक उनके सबसे करीबी लोगों को भी नहीं होती है।

जैनेट येलेन
जन्म: 13 अगस्त 1946
अर्थशास्त्री। अक्टूबर 2013 में फेडरल रिजर्व के बोर्ड ऑफ गवर्नर नामांकित हुईं। राष्ट्रपति ओबामा ने उन्हें अमरीकी इतिहास के ‘सबसे महत्वपूर्ण अर्थशास्त्रियों और नीति निर्माताओं’ में से एक बताया है।
1967 में ब्राउन यूनिवर्सिटी से अर्थशास्त्र में स्नातक
1971 में येल यूनिवर्सिटी से पीएचडी
1971-76 तक हार्वर्ड यूनिवर्सिटी में असिस्टेंट प्रोफेसर रहीं
1977-78 में बोर्ड ऑफ गवर्नर्स में बतौर अर्थशास्त्री शामिल रहीं
1978-80 तक लंदन स्कूल ऑफ इकॉनामिक्स एंड पॉलिटिकल साइंस में अध्यापन
1980 में यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया से जुड़ी।
1994 में उन्होंने पांच साल की छुट्टी ली।
1997 में उन्होंने अध्यापन कार्य छोड़ दिया। इसके बाद से वे सरकार में विभिन्न पदों पर रहीं।

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पहली अमरीकी महिला फेडरल अध्यक्ष 
जैनेट अमरीका के प्रमुख बैंकर के पद पर पहुंचने वाली देश की पहली महिला हैं। इससे पहले वे फेडरल रिजर्व ऑफ सैन फ्रांसिस्को की प्रेसिडेंट और सीईओ भी रह चुकी हैं। बिल क्लिंटन के कार्यकाल में वे व्हाइट हाउस की आर्थिक सलाहकार समिति की प्रमुख थीं। उन्होंने कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय तथा बर्कले के हास स्कूल ऑफ बिजनेस में अध्यापन भी किया है।

अपने उदारवादी विचारों के लिए वॉल स्ट्रीट पर चर्चा में रहने वाली येलेन के बारे में माना जाता है कि वे जरूरत पडऩे पर विलियम पूल जैसे कठोर फेडरल गवर्नर से भी ज्यादा सख्त साबित हो सकती हैं।
बेरोजगारी और मंदी को वे एक-दूसरे पर निर्भर नहीं मानती हैं। वे बेरोजगारी कम करने में ज्यादा दिलचस्पी रखती हैं, लेकिन इसे मंदी से जोड़कर नहीं देखतीं।
अंतरराष्ट्रीय बाजार की दुनिया की चुनिंदा जानकारों में से एक येलेन बेहद कम बातचीत करना पसंद करती हैं। बताया जाता है कि अपने अध्यापन कॅरियर में वे महज क्लासरूम में ही छात्रों के सवालों के जवाब देती थीं।
1984 में अमरीकन इकॉनामिक रिव्यू में प्रकाशित उनका लेख एफीसेंसी वेज मॉडल ऑफ अनएम्पलॉयमेंट आज भी बेरोजगारी का अध्ययन करने वाले छात्रों में सबसे ज्यादा चर्चित है।

सम्मान और स्वीकार्यता
14 विश्वविद्यालयों ने उन्हें ऑनरेरी डॉक्टरेट से सम्मानित किया है।
17 से ज्यादा विभिन्न अर्थशास्त्रीय मंचों पर पुरस्कृत।
2010 में एडम स्मिथ अवार्ड से नवाजी गईं
2012 में ब्लूमबर्ग मार्केट मैगजीन की ओसे 50 प्रभावी शख्सियतों में शुमार
2014 में फोब्र्स की दुनिया की सबसे प्रभावशाली महिलाओं की सूची में दूसरे स्थान पर रहीं
2015 में सोवेरियन वेल्थ फंड की पब्लिक इन्वेस्टर लिस्ट में पहले स्थान पर रहीं
2015 में ही ब्लूमबर्ग ने दुनिया के सबसे प्रभावशाली अर्थशास्त्रियों में पहले स्थान पर रखा

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