23 सितंबर से बदल जाएगा भारत में गेमिंग का भविष्य

20 सितंबर 2016 को राजस्थान पत्रिका में प्रकाशित

सचिन श्रीवास्तव
अगले सप्ताह से भारत में गेमिंग के मायने पूरी तरह बदल जाएंगे, वहीं युवाओं के सामने संभावनाओं की नई दुनिया भी खुलेगी। अमरीकी टेक कंपनी एनविदिया भारत में पहली बार ओवरवॉच ईस्पोट्र्स टूर्नामेंट करने जा रही है। लंबे समय से गेमिंग वर्ल्ड को इस पहल का इंतजार था। 23 सितंबर से शुरू हो रहा यह टूर्नामेंट कई मायनों में दुनिया के 3 हजार करोड़ रुपए के ईस्पोट्र्स बाजार की सूरत बदलने वाला साबित होगा।

क्या है ईस्पोट्र्स टूर्नामेंट
किसी भी तरह के इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों के साथ खेले जाने वाले गेम ईस्पोट्र्स की श्रेणी में आतें हैं। डोटा 2, लीग ऑफ लीजेंड्स, काउंटर स्ट्राइक और ओवरवॉच इसके उदाहरण हैं। विभिन्न कंपनियां इन गेम्स के राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट कराती हैं। इनमें जीतने वाली टीमों को खासी पुरस्कार राशि मिलती है। कई कंपनियां गेमर्स को मासिक सेलरी पर रखती हैं।

भारत में दिख रहा गेमिंग का भविष्य
फिलहाल भारत में प्रोफेशनल ईस्पोट्स बेंगलूर के मान्यता आईटी पार्क तक ही सिमटा हुआ है। इसके बाहर एक बड़ा दर्शक और गेमर वल्र्ड है, जो प्रोफेशनल ईस्पोट्र्स से अछूता है। एनविदिया जैसी कंपनियों की कोशिश इस बड़े वर्ग तक पहुंचने की है।

भारत तय करेगा भविष्य
अगले चार से पांच सालों में भारत की दखल ग्लोबल ईस्पोट्र्स बाजार में 40 प्रतिशत तक होने की संभावना है, जो अभी महज 6 प्रतिशत है। भारत में फिलहाल महज 161 रजिस्टर्ड ईस्पोट्र्स प्लेयर हैं, जिन्होंने कुल मिलाकर करीब 23 लाख रुपए की ईनामी राशि जीती है।

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नंबर गेम
3102 करोड़ रुपए का है वैश्विक ईस्पोट्र्स बाजार
1172 करोड़ रुपए की है बाजार में अमरीकी हिस्सेदारी
713 करोड़ रुपए का है चीन और दक्षिण कोरिया का संयुक्त बाजार
40 प्रतिशत हिस्सेदारी है एशियाई देशों की ईस्पोट्स बाजार में
43 प्रतिशत की ग्रोथ दर्ज की बाजार ने बीते साल 
7000 करोड़ रुपए से ज्यादा का होगा 2019 में ई-स्पोट्स का बाजार
14 करोड़ प्रतिबद्ध दर्शक हैं इस गेमिंग के, जबकि 12.5 करोड़ अन्य दर्शक हैं, जो बड़े टूर्नामेंट में दिलचस्पी लेते हैं
112 बड़े ईस्पोट्र्स टूर्नामेंट हुए साल 2015 में
138 करोड़ रुपए की कमाई हुए पिछले साल टूर्नामेंटों की टिकट बिक्री से
400 करोड़ से ज्यादा की ईनामी राशि बांटी गई पिछले साल टूर्नामेंट विजेताओं को

ईस्पोर्ट्स के दिग्गज
पीटर डेगर: 2 नवंबर 1991 को जन्में पीटर ने 56 टूर्नामेंट में 17 करोड़ 54 लाख रुपए से ज्यादा की ईनामी राशि जीत चुके हैं। अमरीका निवासी पीटर को डोटा के गेमिंग वल्र्ड में पीपीडी के नाम से जाना जाता है। अब उन्होंने प्रोफेशनल गेमिंग छोड़ दी है। अब वे अपनी ईस्पोट्र्स कंपनी एविल जीनियस चलाते हैं।
साहिल अरोरा: 11 अक्टूबर 1989 को पैदा हुए भारतीय मूल के साहिल को यूनिवर्स के नाम से जाना जाता है। उन्होंने डोटा गेम से 14 करोड़ रुपए से ज्यादा की कमाई की है।
टीम न्यूबी: चीन की इस प्रोफेशनल गेमर टीम के हर सदस्य ने करीब 7 करोड़ रुपए की कमाई की है। इसके सदस्य जांग पेन, चेन जियाओ, जांग निंग, वांग जिआओ, वांग जाउहुई हैं।
जॉनाथन वेंडेल: जॉनाथन ईस्पोट्र्स के पहले प्रोफेशनल गेमर माने जाते हैं। अब वे प्रोफेशनल टूर्नामेंट में हिस्सेदारी छोड़ चुके हैं। वीडियो गेम कंपनी फेटेलिटी के मालिक जॉनाथन ने 2000 से 2005 के बीच कई अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट अपने नाम किए।

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इसी हफ्ते से शुरू होगा पहला ईस्पोट्र्स ऑडिटोरियम
कैलिफोर्निया यूनिवर्सिटी ने अपने कैंपस में 35 हजार वर्गफीट का एक ऑडिटोरियम बनाया है, जिसका उद्घाटन 23 सितंबर को होगा। इसमें ईस्पोट्र्स से संबंधित टूर्नामेंट, सेमिनार आदि आयोजित किए जाएंगे। इसमें 80 गेमिंग कंप्यूटर लगे हैं। यह दुनिया का पहला ईस्पोट्र्स ऑडिटोरियम है। ईस्पोट्र्स के बढ़ते क्रेज के मद्देनजर कैलिफोर्निया यूनिवर्सिटी ने पूरी तरह से गेमिंग को समर्पित एक कॉलेज खोलने का भी निर्णय लिया है।