आनंद चंद्रशेखरन: कंपनी बेचकर की नौकरी, संभालेंगे फेसबुक मैसेंजर एप की जिम्मेदारी
21 सितंबर 2016 को राजस्थान पत्रिका में प्रकाशित |
सचिन श्रीवास्तव
सोशल नेटवर्किंग वेबसाइट फेसबुक ने अपने मैसेंजर ऐप को और अधिक लोकप्रिय बनाने की जिम्मेदारी आनंद चंद्रशेखरन को सौंपी है। वे बतौर चीफ प्रॉडक्ट ऑफिसर कंपनी में काम देखेंगे। स्नैपडील के पूर्व मुख्य उत्पाद अधिकारी रहे 38 वर्षीय आनंद ने स्टेनफोर्ड यूनिवर्सिटी से ग्रेजुएशन करने के बाद अपनी खुद की कंपनी बनाई थी। बाद में यह कंपनी बेच दी और याहू में नौकरी करने लगे। वे भारती एयरटेल से भी जुड़े रहे हैं।
37 करोड़ उपभोक्ताओं पर नजर
फेसबुक के इस कदम को भारतीय बाजार में अपनी पैठ बढ़ाने के तौर पर देखा जा रहा है। फेसबुक के 15.5 करोड़ भारतीय सक्रिय उपयोगकर्ताओं में से 90 प्रतिशत स्मार्टफोन पर मैसेंजर एप के जरिये सोशल साइट देखते हैं। यह दुनिया में फेसबुक की दूसरा सबसे बड़ा बाजार है। वैसे भारत में इंटरनेट उपयोगकर्ता करीब 37 करोड़ हैं।
तमिलनाडु में शुरुआती पढ़ाई
आनंद ने कोयंबटूर के कार्मेल गार्डेन मेट्रिकुलेशन स्कूल से अपनी शुरुआती पढ़ाई की। इसके बाद उन्होंने पीएसजी कॉलेज ऑफ टेक्नोलॉजी से इलेक्ट्रॉनिक एंड कम्यूनिकेशन इंजीनियरिंग में अंडरग्रेजुएट डिग्री हासिल की। इसके बाद उन्होंने स्टेनफोर्ड यूनिवर्सिटी से इलेक्ट्रॉनिक इंजीनियरिंग में डिग्री हासिल की।
15 साल का कॅरियर, 15 स्टार्टअप में निवेश
2001 में स्टेनफोर्ड यूनिवसिर्टी से ग्रेजुएशन के बाद एयरोप्राइज नाम की कंपनी बनाई।
2004 में एमआईटी ने आनंद को दुनिया के 15 सर्वश्रेष्ठ टेक इनोवेटर्स की सूची में शामिल किया था।
2009 में आनंद ने एचआईवी-एड्स पर एक डॉक्यूमेंट्री टेपस्ट्रीज ऑफ होप का निर्माण किया, जिसे कई पुरस्कार मिले।
2010 में वल्र्ड इकॉनोमिक फोरम की ओर से यंग ग्लोबल लीडर चुने गए।
2011 में अपनी कंपनी बीएमसी सॉफ्टवेयर को बेचकर याहू में नौकरी शुरू की।
2011 में बतौर सीनियर डॉयरेक्टर याहू से जुड़े
2014 में भारती एयरटेल से जुड़े। कंपनी के सीईओ गोपाल विट्टल ने आनंद के लिए मुख्य उत्पाद अधिकारी का नया पद बनाया।
2014 में विंक म्यूजिक की लॉन्चिंग में आनंद की महत्वपूर्ण भूमिका थी।
2015 में स्नैपडील में काम शुरू किया।
15 से ज्यादा स्टार्टअप्स में निवेश किया है आनंद ने अब तक। इनमें इनरशेफ, ऑनलाइन हेल्थकेयर फर्म प्लस, डेटिंग प्लेटफॉर्म एस्ले के अलावा ऑडेजी और सीआरईओ जैसी कंपनियां शामिल हैं।