सोशल मीडिया का असर :अपनों से दूर, गैरों के करीब हैं ग्लोबल नागरिक
4 अक्टूबर 2016 को राजस्थान पत्रिका में प्रकाशित |
सचिन श्रीवास्तव
हमारी जिंदगी में सोशल मीडिया के बढ़ते दखल पर सोमवार को एक नई बहस शुरू हुई। इस बहस के दो पहलू हैं। शुरुआत हुई अभिनेत्री ऐश्वर्या राय बच्चन के एक बयान से। ऐश्वर्या उन चंद सितारों में शुमार हैं, जिन्होंने सोशल मीडिया से दूरी बना रखी है। एक कार्यक्रम में ऐश्वर्या ने सोशल मीडिया पर निशाना साधते हुए कहा कि लोगों के पास एक-दूसरे की ओर देखने तक का समय नहीं है। दूसरी ओर टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंसेज (टिस) की ताजा रिपोर्ट कहती है कि देश में जो लोग इंटरनेट का ज्यादा इस्तेमाल करते हैं उनका जीवनस्तर बेहतर हुआ है। टिस की रिपोर्ट नेशनल सेंपल सर्वे (एनएसएस) के 66वें राउंड के सरकारी आंकड़ों पर आधारित है।
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अपनों से कर दिया है दूर
यह हकीकत है कि सोशल मीडिया ने हमें अपने आसपास के माहौल से दूर किया है। परिवार में बातचीत कम हुई है। मनोरंजन के पुराने तरीके बदले और मिल-जुलकर बैठने की तौर-तरीके लगभग खात्मे की ओर हैं। दिलचस्प यह भी है कि इंटरनेट पर वक्त बिताने वाले 30 साल से ऊपर वाले समूह को यह कमी खलती है, लेकिन इसका कोई विकल्प उनके पास नहीं है।
40 प्रतिशत इंटरनेट यूजर्स की सप्ताह में एक या दो बार अपने परिजनों से आमने-सामने बातचीत होती है
80 प्रतिशत इंटरनेट यूजर्स मानते हैं कि उनके दोस्तों का दायरा इंटरनेट के कारण सीमित हुआ है।
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इंटरनेट ने जीवन स्तर किया बेहतर
टाटा इंस्टीट्यूट की ताजा रिपोर्ट के मुताबिक इंटरनेट ने लोगों के जीवनस्तर को ऊंचा किया है। हालांकि इसका खर्च भी ज्यादा है। जिन जगहों पर इंटरनेट की उपलब्धता और यूजर्स ज्यादा हैं, उन्होंने बीते साल के मुकाबले ज्यादा बेहतर प्रगति हासिल की है। महाराष्ट्र, गोवा, असम और केरल के आंकड़े इसे साबित करते हैं।
70 प्रतिशत कामकाजी युवा जॉब बदलने के लिए इंटरनेट को सबसे बेहतर विकल्प मानते हैं
90 प्रतिशत लोग मानते हैं कि उनके पहनावे और खान-पान में इंटरनेट के कारण बदलाव आया है
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बाहरी दुनिया के करीब लाया सोशल मीडिया
सोशल मीडिया ने लोगों को जहां अपने आसपास के लोगों से दूर किया है, वही वैश्विक दुनिया के नजदीक पहुंचाया है। सोशल मीडिया का इस्तेमाल न करने वाले जहां विचारों और जानकारियों के लिए आसपास के लोगों और परंपरागत मीडिया पर निर्भर हैं। वहीं सोशल मीडिया पर एक्टिव लोगों के पास इसके असीमित साधन हैं और विकल्प हैं। लोग विभिन्न संस्कृति, विचार के सीधे संपर्क में आ रहे हैं। यानी निजी दायरे से निकलकर उनका दायरा वैश्विक हो गया है।
20-25 लोगों से बात करता है औसत भारतीय सोशल मीडिया यूजर दिन भर में इंटरनेट पर
80 प्रतिशत सोशल मीडिया के दोस्त एक-दूसरे से रूबरू नहीं मिले होते
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दुनिया का सबसे बड़ा मुल्क है सोशल मीडिया
अगर इंटरनेट का उपयोग करने वाले समुदाय की तुलना किसी देश की आबादी से की जाए, तो सोशल मीडिया दुनिया का सबसे बड़ा मुल्क है। दुनियाभर में इंटरनेट का इस्तेमाल करने वाले लोगों की संख्या 3.63 अरब है और सोशल मीडिया पर सक्रिय लोगों की संख्या 2.43 अरब है। इंटरनेट के अपने नियम हैं, इसकी अपनी अर्थव्यवस्था और अपना समाजशास्त्र है। भाषा और भौगोलिक सीमाओं से परे यह ऐसे ग्लोबल नागरिक हैं, जिनकी दुनिया हर रोज बदल रही है, बढ़ रही है।
15.3 करोड़ सक्रिय सोशल मीडिया यूजर्स हैं भारत में
26 प्रतिशत सालाना का इजाफा हो रहा है दुनिया में सोशल मीडिया यूजर्स की संख्या में
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46 करोड़ इंटरनेट यूजर्स हैं भारत में जुलाई 2016 के आंकड़ों के मुताबिक
13 करोड़ लोग मोबाइल के जरिये सोशल मीडिया पर सक्रिय हैं भारत में
46 करोड़ इंटरनेट यूजर्स हैं भारत में जुलाई 2016 के आंकड़ों के मुताबिक
13 करोड़ लोग मोबाइल के जरिये सोशल मीडिया पर सक्रिय हैं भारत में
46 करोड़ इंटरनेट यूजर्स हैं भारत में जुलाई 2016 के आंकड़ों के मुताबिक
13 करोड़ लोग मोबाइल के जरिये सोशल मीडिया पर सक्रिय हैं भारत में