Vaccination: व्हाट्सएप यूनिवर्सिटी के फर्जी ज्ञान से बचें और टीका जरूर लगवाएं
सायरा खान
Vaccination: कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए मास्क लगाना और हाथ धोने जैसे काम किए जा रहे हैं। वैज्ञानिकों और डॉक्टरों ने बार-बार इसकी जरूरत बताई है। कोरोना वायरस से संक्रमित व्यक्ति के इलाज के लिए भी कई दवाएं डॉक्टर दे रहे हैं और टीका भी लगाया जा रहा है। इन सबके बीच वाट्सऐप यूनिवर्सिटी से निकला उलूलजुलूल ज्ञान लोगों को भ्रमित कर रहा है और कई बार लोग बिना जाने-समझे इसे इलाज समझकर अपना लेते हैं। ऐसे में मुश्किल खड़ी हो जाती है।
पिछले दिनों कोरोना वायरस के इलाज के तौर पर लाल प्याज को लाहौरी नमक के साथ खाने को बताया गया था। इस बारे में एक ऑडियो तेजी से वायरल हुआ था। बाद में डॉक्टरों ने इसका खंडन कर दिया था। बचाव के लिए लोग कई-कई बार काढ़ा पी रहे हैं। इस बारे में भी डॉक्टरों ने साफ किया है कि काढ़ा एक लिमिट भर पीना है। ज्यादा काढ़ा पीने के अपने नुकसान भी हैं। वाट्सऐप यूनिवर्सिटी का ऐसा जाहिल ज्ञान इस वक्त देश के लिए समस्या बना हुआ है।
इस बारे में लोगों से बात की गई। नगमा (परिवर्तित नाम) को लगता है कि कोरोना कोई बीमारी नहीं है। बचपन में भी हमें सर्दी, खांसी, बुखार हो जाता है। तब हमारी मां काढ़ा बनाकर या अदरख का रस, लहसुन भूनकर खिला देती थीं। हम ठीक हो जाते थे। घरेलू उपचार करने से कई बीमारियां ठीक हो जाती हैं। नगम जैसे तमाम लोग अभी भी भ्रम का शिकार हैं और मानते हैं कि कोरोना जैसा बीमारी का कोई वायरस नहीं है। यह भ्रम वाट्सऐप यूनिवर्सिटी के अनापशनाप ज्ञान का है। दरहकीकत कोरोना एक घातर वायरस है और अब दुनिया भर में कई लाख लोग इसकी वजह से काल के गाल में समा चुके हैं। इसलिए यह भ्रम नहीं पालना चाहिए कि ऐसा कोई वायरस नहीं है। बल्कि इससे बचाव के उपाय को अपनाया जाना चाहिए।
इस संबंध में सर्च एंड रिसर्च डेवलपमेंट सोसायटी के प्रेसिडेंट डॉ. राजीव जैन ने कहा कि सोशल मीडिया पर जो प्याज वाला ऑडियो प्रसारित किया जा रहा है, वह फर्जी है। उन्होंने कहा कि इसका कोई वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है। उन्होंने कहा कि हल्दी वाला दूध तथा काढ़ा हमारी इम्यूनिटी को बढ़ाता है। इसका उपयोग हमें डॉक्टर से सलाह लेने के बाद ही करना चाहिए, लेकिन लोगों को यह मालूम ही नहीं है कि हल्दी वाले दूध का प्रयोग किस तरह किया जाता है। वह सुनी सुनाई बातों पर भरोसा कर उसका उपयोग शुरू कर देते हैं। इसके परिणाम बुरे होते हैं। हल्दी वाले दूध को कम से कम 20 मिनट तक अच्छे से उबालना चाहिए। उसमें शक्कर का उपयोग बिल्कुल न करें, सोते वक्त पीना चाहिए और खड़े होकर पिया जाता है। बैठकर नहीं पीते। उन्होंने कहा कि किसी भी चीज का उपयोग करने से पहले उसका सही तरीका एवं जानकारी लेना चाहिए।
डॉक्टर जैन का कहना है अफवाह के कारण लोग वैक्सीन लगवाने से डर रहे हैं, जबकि 0.01 प्रतिशत केस नहीं है, जिससे वैक्सीन से मौत हुई हो।
जिन लोगों की मौत हुई है, वह पहले किसी और बीमारी से पीड़ित रहे हैं। मौत तो कोरोना से ठीक हो जाने के बाद भी हो जाती है, जबकि वैज्ञानिकों ने कहा है वैक्सीन सुरक्षित है इससे हमारे शरीर में प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है। 2 से 28 दिन में एंटीबॉडी बनकर तैयार होती है, जो हमें 70 से 80% तक इस बीमारी से बचाने में मदद करती है।
डॉ. राजीव जी का कहना है कि व्हाट्सएप और सोशल मीडिया पर इस तरह के वीडियो आने से लोगों में भ्रम उत्पन्न हो रहा है और लोग वैक्सिनेशन करवाने से कतरा रहे हैं। इसलिए लोग आगे नहीं आ रहे हैं, जिससे कोविड-19 की संभावनाएं और बढ़ सकती हैं। हमें इस महामारी पर सफलता पाना है, इसलिए ऐसे वीडियो और अफवाहों से दूर रहें, क्योंकि इनका कोई सत्य प्रमाण नहीं है। हमें लोगों के बीच जागरूकता फैलाना चाहिए एवं इस संदेश को क्षेत्र, गांव, शहर तक पहुंचाना चाहिए। लोगों को उन लोगों को देखना चाहिए जो कोरोना पॉजिटिव होने के बाद ठीक हुए हैं। हमें लोगों के बीच अफवाह नहीं फैलाना चाहिए।