Bhopal Farmers Protest: नीलम पार्क में प्रदर्शन करने आ रहे किसानों को रोका, करीब एक दर्जन गिरफ्तार, तीन हिरासत में
Bhopal Farmers Protest LIVE: 2.50 PM
दिल्ली में चल रहे किसान आंदोलन के समर्थन और तीन कृषि कानूनों के खिलाफ हरदा में किसानों के साथ कृषि मंत्री का घेराव किया गया। संयुक्त किसान मोर्चा की ओर से आयोजित इस घेराव के दौरान केंद्र और राज्य सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की गई और किसानों की मांगों को अबिलंव मानने की मांग की गई।
Bhopal Farmers Protest LIVE: 2.25 PM
किसान नेता प्रह्लाद बैरागी, उमाप्रसाद, नरेंद्र जायसवाल, मुदित भटनागर, राहुल राज समेत दर्जन भर गिरफ्तार, इरफान जाफरी, विजय कुमार और बाबूसिंह राजपूत हिरासत में
भोपाल में किसान दिवस के मौके पर नीलम पार्क में अनिश्चितकालीन धरने की शुरुआत कर रहे किसानों को पुलिस ने अलग अलग जगहों पर रोक दिया है, जबकि एक दर्जन से अधिक किसान नेताओं को गिरफ्तार किया गया है। तीन नेता हिरासत में हैं, जबकि नीलम पार्क से गिरफ्तार किसान नेताओं को बाद में जेल के करीब ले जाकर छोड़ दिया गया है। संयुक्त किसान मोर्चा के बैनर तले विभिन्न संगठनों की ओर से दिल्ली में भूख हड़ताल पर बैठे किसानों के समर्थन में और तीन कृषि कानूनों व बिजली संशोधन एक्ट 2020 के खिलाफ किसान संगठन अनिश्चितकालीन धरने पर बैठने वाले थे।
धरने में शामिल होने आ रहे किसानों को पुलिस ने उनके गृह जिले में ही रोक दिया था। जो किसान किसी तरह से भोपाल पहुंचे उन्हें नीलम पार्क के करीब गिरफ्तार किया गया। इससे पहले किसान नेताओं ने मीडिया को संबोधित करते हुए कहा कि आज देश का अन्नदाता सड़कों पर है, लेकिन सरकार उनकी शांतिपूर्ण मांगों पर गौर नहीं कर रही है।
ये नेता हुए हैं गिरफ्तार
आज और कल रात में आल इंडिया किसान खेत-मजदूर संगठन के प्रदेश अध्यक्ष उमाप्रसाद, किसान नेता नरेंद्र जायसवाल, मुदित भटनागर एंव अखिल भारतीय किसान सभा के राज्य महासचिव प्रहलाद वैरागी, अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति के राहुल राज को आज सुबह धरना स्थल से गिरफ्तार किया गया वहीं कल रात पुलिस ने इरफान जाफरी, विजय कुमार और एक अन्य किसान नेता बाबूसिंह राजपूत को गिरफ्तार कर लिया था।
नीलम पार्क को किया गया बंद
इससे पहले 22 दिसंबर की देर शाम किसान नेता बाबू सिंह राजपूत, इरफान जाफरी और सीपीआई एमएल रेडस्टार के राज्य सचिव विजय कुमार को पुलिस ने हिरासत में लिया था। इन तीनों को पुलिस कंट्रोल रूम में रात भर बैठाये रखा गया और आज सुबह भी वे सभी पुलिस कंट्रोल रूम में ही थे।
गौरतलब है कि आज किसान दिवस है और दिल्ली में अन्नदाता भूख हड़ताल पर हैं। उनके आंदोलन के समर्थन में किसान नेता नीलम पार्क में शांतिपूर्ण सत्याग्रह करने आ रहे थे। उन्हें पहले पार्क में नहीं घुसने दिया, इसके बाद जब वो सड़क पर आ गए और खड़े होकर नारेबाजी करने लगे तो उन्हें हिरासत में लेकर बसों से पुरानी जेल ले जाकर बंद कर दिया।
आज और कल रात में आल इंडिया किसान खेत-मजदूर संगठन के प्रदेश अध्यक्ष उमाप्रसाद, किसान नेता नरेंद्र जायसवाल, मुदित भटनागर एंव अखिल भारतीय किसान सभा के राज्य महासचिव प्रहलाद वैरागी, अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति के राहुल राज को आज सुबह धरना स्थल से गिरफ्तार किया गया वहीं कल रात पुलिस ने इरफान जाफरी, विजय कुमार और एक अन्य किसान नेता बाबूसिंह राजपूत को गिरफ्तार कर लिया था।
छुप-छुपाकर नीलम पार्क पहुंचे कुछ किसानों ने कहा कि हमारे तीन नेताओं को सरकार ने गिरफ्तार कर लिया। मध्य प्रदेश की सरकार ने जिस हिटलरशाही के तहत शांतिपूर्ण तरीके से विरोध करने आ रहे किसानों को रोक दिया है। शिवराज सरकार वही हैं, जिनके रहते हुए मंदसौर में किसानों पर गोली चलाई गई थी। किसान नेताओं ने कहा कि किसान अपनी जायज मांगें भी नहीं रख सकती है।
आल इंडिया किसान खेत-मजदूर संगठन ने की निंदा
आल इंडिया किसान खेत-मजदूर संगठन के राज्य सचिव मनीष श्रीवास्तव ने किसान नेताओं की गिरफ्तारी की निंदा करते हुए कहा कि केंद्र सरकार द्वारा पारित तीन किसान विरोधी काले कानूनों के खिलाफ देश भर में किसान आंदोलन जारी है। इसी क्रम में मध्यप्रदेश में संयुक्त किसान मोर्चा मध्यप्रदेश के आह्वान पर आज से भूख हड़ताल और शतत धरना के आयोजन से पहले ही किसान नेताओं की गिरफ्तारी को लेकर आल इंडिया किसान खेत-मजदूर संगठन के राष्ट्रीय महासचिव शंकर घोष ने सरकार की कड़ी निंदा की।
उन्होंने कहा कि “केंद्र की भाजपा सरकार की तरह मध्यप्रदेश सरकार भी पूरी तरह तानाशाही पर उतर आई है। एक तरफ किसान की उपज का वाजिब दाम और लागत सामग्री के व्यापार से कारपोरेट भगाओ की मांग को नजर अंदाज करके किसान विरोधी काले कानूनों को लाया जा रहा है। वहीं दूसरी तरफ किसानों के विरोध करने के मौलिक अधिकारों पर भी हमला किया जा रहा है। कार्पोरेट के पक्ष में सरकार द्वारा किया जा रहा दमन साम्राज्यवादी ब्रिटिश हुकुमत की याद दिलाता है। आज सुबह से नीलम पार्क को सील कर दिया। इन किसान नेताओं की गिरफ्तारी सरकार के दमनपूर्ण रवैये का जीता जागता उदाहरण है। मध्यप्रदेश सरकार की इस दमनपूर्ण कार्यवाही की हम पुरजोर निंदा करते हैं और मध्यप्रदेश सहित देशभर के किसानों से आंदोलन को तेज करने की अपील करते हैं।”
गिरफ्तारियों के विरोध में प्रदेश भर में होंगी विरोध कार्यवाहियां: बादल सरोज
इन गिरफ्तारियों पर अखिल भारतीय किसान सभा के राष्ट्रीय सचिव बादल सरोज ने कहा है कि किसान आंदोलन के सिलसिले में भोपाल में आज सुबह संयुक्त किसान मोर्चे के आव्हान पर धरना शुरू होना था। पुलिस ने कल ही इरफान जाफरी, विजय कुमार और एक अन्य किसान नेता बाबूसिंह राजपूत को गिरफ्तार कर लिया। आज सुबह से नीलम पार्क को सील कर दिया और अखिल भारतीय किसान सभा के राज्य महासचिव प्रहलाद वैरागी, अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति के राहुल राज उमा प्रसाद विश्वास, मुदित भटनागर, नरेंद्र जायसवाल, राकेश भाई सहित कई किसान नेता धरना स्थल के बाहर पकड़ लिए गए। अखिल भारतीय किसान सभा इन गिरफ्तारियों की भर्त्सना करती है। किसान आंदोलन के समर्थन और गिरफ्तारियों के विरोध में प्रदेश भर में विरोध कार्यवाहियां होंगी।
किसान नेता प्रह्लाद बैरागी ने कहा कि MP सरकार ने किसानों को उनका हक नहीं दिया तो किसान बड़ा आंदोलन करेंगे। हम CM शिवराज सिंह चौहान से पूछते हैं कि किसानों से खरीदे गए गेहूं का बोनस 2019-20 का दिया है। PM फसल बीमा के नाम पर किसानों को ठगा जा रहा है।
ऑल इंडिया किसान को-ऑर्डिनेशन कमेटी के राहुल राज किसानों के समर्थन में हम यहां पर आए थे और सत्याग्रह का आयोजन किया था, हम सभी एक आजाद देश में रहते हैं लेकिन MP की शिवराज सरकार किसानों के इस लोकतांत्रिक अधिकार को भी छीन रही है। नीलम पार्क में प्रदर्शन नहीं होने दिया गया गया और यहां पर भारी पुलिस तैनात कर दी गई है। जो किसान आ रहे थे, उन किसानों को रोक दिया गया है।
एसयूसीआई (सी) ने की किसान आंदोलन पर पुलिसिया दमन की निंदा
किसान नेताओं की गिरफ्तारी को पुलिसिया दमन बताते हुए एसयूसीआई (सी) मध्य प्रदेश ने इसकी निंदा की है। अपने बयान में एसयूसीआई (सी) ने कहा कि आज नीलम पार्क में राज्य के अलग-अलग जिलों से बड़ी संख्या में किसान पहुंचने वाले थे। लेकिन अत्यंत दुखद है कि मध्य प्रदेश की भाजपा सरकार ने दमनकारी रुख अपनाते हुए इस शांतिपूर्वक धरने को पूरी तरह से खत्म करने का काम किया। प्रशासन की यह कार्रवाई सर्वोच्च न्यायालय द्वारा लोकतांत्रिक अधिकार के तहत विरोध प्रदर्शन करने के उसके फैसले की भी अवमानना है। कार्यक्रम से एक दिन पूर्व ही अत्यंत गैरलोकतांत्रिक ढंग से तीन अहम नेताओं को बिना किसी कारण के पुलिस द्वारा हिरासत में ले लिया गया। विभिन्न जिलों से आने वाले किसानों को भोपाल के सीमाओं पर रोक दिया गया। आज जब किसान साथी धरने स्थल पर पहुंचे तो नीलम पार्क को पुलिस द्वारा पूरी तरीके से सील किया हुआ था व भारी पुलिस बल की तैनाती कर दी गई। साथ ही जब इस दमनकारी रुख के खिलाफ किसान नेता मीडिया से रूबरू हो रहे थे तब भी पुलिस ने इसे नहीं करने दिया और तमाम नेताओं को हिरासत में लेकर जेल भेज दिया गया।
हम सोशलिस्ट यूनिटी सेंटर ऑफ इंडिया कम्युनिस्ट, मध्य प्रदेश की ओर से सरकार व प्रशासन की इस गैर लोकतांत्रिक और दमनात्मक कार्यवाही की कड़ी निंदा करते हैं, और सरकार से यह मांग करते हैं कि गिरफ्तार किए गए तमाम साथियों को जल्द से जल्द रिहा करें।
तीन नेताओं को हिरासत में लिया
22 दिसंबर को देर रात MP सरकार हिटलरशाही के तहत किसानों को शांतिपूर्ण तरीके से आंदोलन के लिए भोपाल आ रहे सामाजिक कार्यकर्ता विजय कुमार और किसान नेता बाबू सिंह राजपूत और इरफान जाफरी को भानपुर पुलिस ने हिरासत में लिया है। ये तीनों संयुक्त किसान मोर्चा की भोपाल ईकाई के सदस्य हैं। संयुक्त किसान मोर्चा की ओर से 23 दिसंबर को भोपाल के नीलम पार्क में एक शांतिपूर्ण प्रदर्शन आयोजित किया जा रहा है। इस आयोजन के चलते विजय, बाबू सिंह और इरफान जाफरी को हिरासत में लिया गया है।