Farmers Protest: किसान-विरोधी क़ानूनों के ख़िलाफ़ भोपाल के नीलम पार्क में शुरू होगा अनिश्चितकालीन धरना
भोपाल। केंद्र सरकार की ओर से लागू किए गए तीन कृषि क़ानूनों और बिजली संशोधन क़ानून 2020 के ख़िलाफ़ और दिल्ली में चल रहे किसान आंदोलन के समर्थन में मध्य प्रदेश के विभिन्न ज़िलों से आए किसान भोपाल के नीलम पार्क में 23 दिसम्बर 2020 से अनिश्चितकालीन धरना शुरू करेंगे।
भोपाल समेत रायसेन, सीहोर, होशंगाबाद, सागर, बैतूल आदि ज़िलों से किसानों के कई संगठनों ने धरने का समर्थन करते हुए प्रदेश भर के किसानों से इस अनिश्चितकालीन धरने में बढ़-चढ़ कर भाग लेने का आह्वान किया है।
धरने का समर्थन कर रहे किसानों व किसान संगठनों का कहना है कि यह कानून एक ऐसे समय में लाया गया है जब सारा देश कोरोना महामारी के चलते एक भयानक स्थिति का सामना कर रहा है। सरकार ने तमाम लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं को दरकिनार करते हुए व किसी भी किसान संगठन से बातचीत किए बिना ही मनमाने ढंग से क़ानून लागू किया है। यह साफ दर्शाता है कि सरकार इस आपदा की स्थिति को भी अंबानी, अडानी जैसे पूंजीपतियों को मुनाफा पहुंचाने के लिए एक अवसर के रूप में इस्तेमाल रही है।
किसानों ने शहरी मध्य वर्ग और मेहनतकश लोगों से भी अपील करते हुए कहा है कि खेती पर कॉरपोरेट हमले का रास्ता खोलने वाले ये क़ानून न सिर्फ़ किसानों के बल्कि आम जनता के सभी तबकों के ख़िलाफ़ हैं और इसलिए इन तबकों को इस मामले में सरकार के ख़िलाफ़ आवाज़ उठाना चाहिए।
किसानों ने कहा है कि जब तक ये किसान-विरोधी क़ानून वापस नहीं हो जाते तब तक भोपाल में उनका धरना चलता रहेगा। किसानों ने यह भी कहा है कि वे भोपाल में शांतिपूर्ण आंदोलन कर रहे हैं और अगर फिर भी शासन-प्रशासन ने उनको आंदोलन करने से या भोपाल आने से रोका तो वे ज़िले की सीमा पर ही बैठकर आंदोलन को जारी रखेंगे।