हैमिंग्वे : एक जुनूनी लेखक जिसने छह शब्दों में लिखी मारक कहानी
29 जुलाई 2016 को राजस्थान पत्रिका में प्रकाशित |
सचिन श्रीवास्तव
हेमिंग्वे लुक अलाइक कॉन्टेस्ट : हैमिंग्वे जैसा ही एक और ‘हेमिंग्वे”
हैमिंग्वे डे फेस्टिवल हर साल मनाया जाना वाला एक मशहूर इवेंट है। इसका सबसे जरूरी हिस्सा है पापा हैमिंग्वे लुक अलाइक कॉन्टेस्ट।
इस बार का पापा हैमिंग्वे लुक अलाइक कॉन्टेस्ट नार्थ कैरोलिना निवासी डेव हैमिंग्वे ने जीता है। 65 वर्षीय हैमिंग्वे का महान कहानीकार अर्नेस्ट हैमिंग्वे से कोई रिश्ता नहीं है। उन्होंने बीते सप्ताह स्लोपी बार में यह पुरस्कार जीता। यह वार्षिक हैमिंग्वे डे फेस्टिवल का सबसे लोकप्रिय कांटेस्ट है। इसे अर्नेस्ट हैमिंग्वे के सम्मान में मनाया जाता है। डेव का यह सातवां प्रयास था। उन्होंने अर्नेस्ट की ही तरह क्रीम कलर और बंद गले का स्वेटर पहना था। कॉन्टेस्ट में 122 नए प्रतिभागियों ने भाग लिया। पुरस्कार जीतने के बाद उन्होंने कहा, ‘मैं अर्नेस्ट जैसा महसूस कर रहा हूं। हम दोनों एक ही मोहल्ले के रहने वाले हैं। मैं मछली, थोड़ी शराब और महिला का साथ पसंद करता हूं।”
कौन थे हेमिंग्वे
साहित्य के एक जुनूनी लेखक ने छह शब्दों में एक कहानी लिखी थी, उस साहित्यकार का नाम था अर्नेस्ट हेमिंग्वे। दोस्तों ने चुनौती दी कि तुम इतने ही बड़े साहित्यकार हो तो छह शब्दों में कहानी लिख के बताओ? हेमिंग्वे ने चुनौती स्वीकार की और कहानी लिखी- ‘For sale: baby shoes, never worn’ यानी “छोटे बच्चे का जूता बिक्री के लिए उपलब्ध है, जिसे कभी पहना नहीं गया।” इसी तरह छह शब्दों की कहानी में हेमिंग्वे ने अपने समय की गरीबी और सामाजिक त्रासदी को परिभाषित किया है। 21 जुलाई 1899 को जन्में अर्नेस्ट हेमिंग्वे का 2 जुलाई 1961 को निधन हुआ।