भारतीय मूल की सीईओ पर हाउस मेड का आरोप: कुत्तों के साथ सुलाया, दिन भर नहीं देती थी खाना
8 सितंबर 2016 को राजस्थान पत्रिका में प्रकाशित |
सचिन श्रीवास्तव
भारतीय मूल की अमरीकी सीईओ हिमांशु भाटिया पर उनकी हाउस मेड शीला निंगवाल ने निर्दयी बर्ताब करने का आरोप लगाया है। हिमांशु भाटिया रोज इंटरनेशनल और आईटी स्टॉफिंग फर्म चलाती हैं। वे कंपनी की सीईओ हैं। अमरीकी श्रम विभाग के मुताबिक, हिमांशु अपनी शीला को 400 डॉलर मासिक यानी 26,554 रुपए पगार देती थीं। यह अमरीकी मानदंडों के मुताबिक बेहद कम है।
शीला के आरोप
दिन में साढ़े 15 घंटे काम।
कुत्तों के साथ गैराज में सुलाया।
कई बार खाना नहीं दिया।
बीमारी में काम कराया।
साप्ताहिक छुट्टी नहीं दी।
पासपोर्ट अपने पास रखा।
बाहर आने-जाने पर पाबंदी।
हिमांशु सू भाटिया
उम्र: 53 साल
सीईओ, रोज इंटरनेशनल
1995 में नौकरी छोड़कर अपनी कंपनी शुरू की। 2012 में सबसे ज्यादा कमाई करने वाली महिला सीईओ में शुमार। 122 प्रतिशत की ग्रोथ की कंपनी ने 2012 में।
2680 करोड़ रुपए है कुल संपत्ति
700 से ज्यादा कर्मचारी हैं कंपनी में। दो लोगों से की थी शुरुआत।
24 साल की उम्र में छोड़ी दिल्ली
दिल्ली से आर्किटेक्चर में ग्रेजुएशन करने के बाद हिमांशु 1987 में आईटी में पढ़ाई के लिए अमरीका के मिजॉरी पहुंची। तब वे 24 साल की थीं। आईटी डिग्री लेने के बाद उन्होंने मैक्डोनाल्ड डगलस में नौकरी की। 1993 में रोज इंटरनेशनल की शुरुआत की, तब वे एडवर्ड जोन्स में नौकरी भी करती थीं। 1995 में नौकरी छोड़कर कंपनी पर पूरा ध्यान देना शुरू किया।
अमरीकी सेना को भी सेवाएं देती है कंपनी
भाटिया अपनी फर्म की सेवाएं अमरीकी आर्मी, बोइंग, टोयटा और शेवरॉन टेक्सको आदि को देती हैं। इसके अलावा वे नासा और बैंक ऑफ अमरीका को भी सेवाएं दे चुकी हैं। कंपनी का सेवा विस्तार कुछ यूरोपीय देशों में भी है।
तीसरा बच्चा है कंपनी
2003 में हिमांशु को कैलिफोर्निया में राष्ट्रीय महिला उद्यमी अवार्ड मिला था। उस वक्त उन्होंने एक इंटरव्यू में बताया कि रोज इंटरनेशनल की शुरुआत के वक्त वे एक सरकारी कॉन्ट्रेक्ट के दस्तावेज तैयार करने के लिए रात-रात भर काम करती थीं और पति गुलाब दो बच्चों को संभालते थे। यह सिलसिला करीब नौ महीने चला। इस वजह से वे कंपनी को मजाक में अपना तीसरा बच्चा भी कहती हैं।