दिल्ली—मप्र की सरकारों के बीच के फर्क को बताएगी आम आदमी पार्टी, मुश्किलों पर जनता बोलेगी अब बस

आमतौर पर विरोधी दल जो कैंपेन चला रहा होता है, उससे राजनीतिक पार्टियां दूर रहती हैं, लेकिन विरोधी के ग्राउंड में घुसकर, यानी उसकी जमीन पर ही जाकर उसे पटखनी देना हिम्मत का काम है, और आप की सोशल मीडिया टीम अगर ऐसा कर पाती है, तो यह बधाई के लिए पर्याप्त वजह होगी।
सचिन श्रीवास्तव
सोशल मीडिया कैंपेन की लॉन्चिंग के मौके पर प्रेस को संबोधित करते आप के
प्रदेश अध्यक्ष आलोक अग्रवाल और राष्ट्रीय सोशल मीडिया हेड अरविंद झा।
मध्य प्रदेश के लोकतांत्रिक परिदृश्य में तेजी से अपनी जगह पुख्ता कर रही आम आदमी पार्टी ने शुक्रवार को भाजपा-कांग्रेस से एक कदम आगे निकलते हुए अपने सोशल मीडिया कैंपेन को लॉन्च कर दिया है। इससे पहले प्रत्याशी चयन में भी आम आदमी पार्टी अपने विरोधियों से काफी आगे निकल चुकी है। असल में शुक्रवार को लॉन्च किए गए दो कैंपेन आम आदमी पार्टी की उस छवि को ही पुख्ता करते हैं, जो उसने दिल्ली की ऐतिहासिक जीत और पंजाब में अपने मजबूत प्रदर्शन के जरिये तैयार की है। ध्यान दीजिए कि इन दोनों ही प्रदेशों के चुनाव में सोशल मीडिया पर आम आदमी पार्टी ने चुनावी रणनीति को बेहतर ढंग से अंजाम दिया था। मध्य प्रदेश में सरकार सरकार में फर्क होता है और अब बस कैंपेन की लॉन्चिंग के मौके पर राष्ट्रीय आईटी एवं सोशल मीडिया प्रमुख अरविंद झा की मौजूदगी भी गहरे संकेत देती है। यह संकेत मध्य प्रदेश के आगामी दो महीने के राजनीतिक दशा और दिशा को बदलने वाले हो सकते हैं। इसके पीछे एक धारणा तो यही है कि आम आदमी पार्टी जितना जमीन पर चुनाव लड़ती है, उसी अनुपात में सोशल वर्ल्ड में भी अपनी उपस्थिति जताती है। दूसरे, गाहे-बगाहे पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष आलोक अग्रवाल यह कहते रहे हैं कि पारंपरिक मीडिया से हमें ज्यादा सहयोग की उम्मीद नहीं करनी चाहिए, और सोशल मीडिया का ज्यादा से ज्यादा इस्तेमाल करना ही होगा। यह कैंपेन इस सोच को जमीन पर उतारने की रणनीति को भी बताते हैं।

पहले से ही मध्य प्रदेश में सोशल मीडिया पर मजबूत है आप
देखा जाए तो आम आदमी पार्टी की यह सोशल मीडिया में रणनीतिक कामयाबी किसी से छुपी नहीं है। मध्य प्रदेश के आधिकारिक पेज पर आप के करीब 2.50 लाख लाइक हैं, जो भाजपा के आसपास और कांग्रेस के एमपी पेज से कोसों आगे हैं। यही नहीं प्रदेश में आप ने इंदौर, भोपाल, जबलपुर आदि महानगरों के अलग-अलग पेज बना रखे हैं, जिन पर 2 से 3 लाख लाइक्स हैं। सीधे तौर पर ही सोशल मीडिया पर पार्टी की आधिकारिक पहुंच 10 लाख से ऊपर है। इसके अलावा हर जिले, विधानसभा और प्रत्याशी के पेजों के समेत यह पहुंच 30 लाख के पार पहुंचती है। ऐसे में भाजपा और कांग्रेस के लिए यह खतरे की घंटी साबित हो सकती है। 
आप के कैंपेन में क्या है खास
आम आदमी पार्टी के दोनों हालिया कैंपेन सोशल मीडिया के साथ-साथ जमीन पर डोर-टू-डोर कैंपेन के दौरान जनता तक ले जाए जाएंगे। इस डोर-टू-डोर कैंपेन की शुरुआत 25 सितंबर से होनी है, जिसके लिए खास तौर पर प्रदेश प्रभारी और दिग्गज नेता गोपाल राय दो दिन के लिए भोपाल आए थे। उन्होंने दो दिवसीय प्रत्याशी प्रशिक्षण शिविर में सबसे ज्यादा जोर डोर-टू-डोर कैंपेन पर दिया है। सोशल मीडिया कैंपेन के बारे में आम आदमी पार्टी की राष्ट्रीय आईटी एवं सोशल मीडिया टीम के प्रमुख अरविंद झा कहते हैं कि भाजपा मध्य प्रदेश में बता रही है कि सरकार-सरकार में फर्क होता है, और इसके लिए वह 2003 की कांग्रेस सरकार से अपने 15 साल के कामकाज की तुलना कर रही है। हम भी मानते हैं कि सरकार-सरकार में फर्क होता है, लेकिन असली फर्क क्या होता है, यह हम इस कैंपेन के जरिये बताएंगे और दिल्ली सरकार के महज तीन साल के कामकाज की तुलना शिवराज सरकार के 15 साल से करेंगे। वे आगे कहते हैं- दिलचस्प यह है कि दिल्ली में महज 3 साल में जो काम हुए हैं, वह भाजपा की 15 साल की सरकार पर भारी हैं। 
आप के सोशल मीडिया कैंपेन और मध्य प्रदेश के हालात
असल में आप के यह कैंपेन मध्य प्रदेश के हालात को ध्यान में रखते हुए तैयार किए गए हैं। चूंकि भाजपा खुद सरकार के फर्क पर कैंपेन चला रही है, उसी तर्ज पर आप ने अपना कैंपेन तैयार किया है। आमतौर पर विरोधी दल जो कैंपेन चला रहा होता है, उससे राजनीतिक पार्टियां दूर रहती हैं, लेकिन विरोधी के ग्राउंड में घुसकर, यानी उसकी जमीन पर ही जाकर उसे पटखनी देना हिम्मत का काम है, और आप की सोशल मीडिया टीम अगर ऐसा कर पाती है, तो यह बधाई के लिए पर्याप्त वजह होगी। सरकार-सरकार के फर्क को बताते हुए आम आदमी पार्टी मध्य प्रदेश के शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार, पेंशन, किसानी, बिजली, सुरक्षा आदि 18 मुद्दों पर भाजपा की प्रदेश सरकार को घेरेगी और बदहाली को बताएगी। इसी के दूसरे हिस्से के तौर पर कहा जाएगा कि अब बस, यानी यह सब अब नहीं चलेगा। अब बहुत हुआ- अब बस।

क्या कहते हैं आप नेतामध्य प्रदेश में भाजपा सरकार ने 15 साल में कोई ऐसा काम नहीं किया है जिससे जनता को असल में कोई लाभ हुआ हो। ऐसे में प्रदेश में चारों ओर बदहाली और भ्रष्टाचार और लूट का राज है। इस स्थिति से मध्य प्रदेश की जनता अब निजात चाहती है। इसी भावना को अब बस कैंपेन में बल दिया गया है कि अब ये सब कुछ नहीं चलेगा।
अरविंद झा, राष्ट्रीय आईटी एवं सोशल मीडिया हेड

क्या है सरकार-सरकार में फर्क होता है कैंपेन
इस कैंपेन के तहत 6 वीडियो जारी किए गए हैं। हर वीडियो में तीन मुद्दों को सामने रखा गया है और दिल्ली सरकार के तीन साल के उस क्षेत्र में काम की तुलना मध्य प्रदेश के 15 साल के भाजपा राज से की गई है। वीडियो में ग्राफिक्स, खबरों और फोटोज के साथ तथ्यों को उनके स्रोत के साथ दर्शाया गया है। करीब एक-एक मिनट के यह वीडियो आई कैची हैं और बेहद खूबसूरती से ड्राफ्ट किए गए हैं। 
अब बस कैंपेन में कैसे कर सकते हैं हिस्सेदारी
आम जनता को अब बस का लोगो लगाकर जो भी गलत काम प्रदेश में हो रहा है, जैसे टूटी सड़कें, परेशान किसान, फसल की बर्बादी, बेरोजगारी, कुपोषण, स्वास्थ्य शिक्षा की बदहाली इनकी तस्वीरें खींचकर इन पर आलोक अग्रवाल जी की तस्वीर वाले अब बस के लोगो लगाकर अपने फेसबुक, ट्विटर अकाउंट पर पोस्ट करना हैं और आम आदमी पार्टी के व्हाट्सएप नंबर 9522919790  पर भेजना है। यह लोगो तीन कलर में आम आदमी पार्टी की वेबसाइट http://ab-bas.aamaadmiparty.org पर उपलब्ध हैं। जनता द्वारा जारी की गई पोस्ट को आम आदमी पार्टी अपने राष्ट्रीय और प्रदेश स्तरीय फेसबुक, ट्विटर, आदि सोशल प्लेटफार्म पर चलाएगी।  पोस्ट शेयर करने वालों को क्षेत्र में सभा के दौरान प्रदेश अध्यक्ष आलोक अग्रवाल से मुलाकात का मौका मिलेगा। अब बस के स्टॉम्प को वेबसाइट की लिंक http://ab-bas.aamaadmiparty.org से डाउनलोड किया जा सकता है। इस संबंध में किसी भी जानकारी के लिए व्हाट्सएप नंबर 9522919790 पर मैसेज भेजकर जानकारी हासिल की जा सकती है।
और अंत में… 
सोशल मीडिया पर बने माहौल को अगर आम आदमी पार्टी जमीन पर उतारकर वोट में तब्दील कर पाती है, तो मध्य प्रदेश में व्यवस्था परिवर्तन का सपना पूरा हो सकता है। इस काम में पार्टी कितना तेजी से आगे बढ़ती है, और किस हद तक कामयाब हो पाती है, यह अगले दो महीने में सामने आ जाएगा। 
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