दिनेश अग्रवाल: हर जगह छंटनी का दौर ये कर रहे हैं नई भर्तियां
26 सितंबर 2016 को राजस्थान पत्रिका में प्रकाशित |
सचिन श्रीवास्तव
दिग्गज आईटी कंपनियां हों या बाजार को रफ्तार देते स्टार्टअप, सभी पिछले कुछ दिनों से छंटनी के सहारे अपनी जमीन बचाने की कोशिश कर रहे हैं। बाजार में समय-समय पर आने वाले ठहराव को कंपनियां खर्च में कटौती के जरिये ही पूरा करती हैं। ऐसे दौर में अगर कोई कंपनी 40 से ज्यादा नए ऑफिस खोल रही हो, और उनमें नई भर्तियां कर रही हो, तो चौंकना लाजिमी है। बीटूबी बिजनेस की दिग्गज कंपनी इंडियामार्ट इसी राह पर चल रही है। इसके पीछे कंपनी के संस्थापक और सीईओ दिनेश अग्रवाल हैं, जो हर वक्त बाजार को उम्मीद की नजर से देखते हैं।
दिनेश अग्रवाल
जन्म: 19 फरवरी 1969
बहराइच के मध्यमवर्गीय व्यापारिक परिवार में जन्म। लखनऊ से स्कूली पढ़ाई। कानपुर से इंजनियरिंग में ग्रेजुएशन। 90 के दशक की शुरुआत में अमरीका गए। सीडॉट, एचसीएल आदि कंपनियों में नौकरियां। 1996 में इंडियामार्ट डॉट कॉम के जरिये अपने काम की शुरुआत।
20 साल का सफर
1995 के अक्टूबर में दिनेश अग्रवाल अमरीका की जमी जमाई नौकरी छोड़कर भारत आ गए। वे अपने बूते कुछ करना चाहते थे। अपने सपने को आकार देते हुए उन्होंने इंडियामार्ट की शुरुआत की। शुरू में उन्होंने विभिन्न कंपनियों के लिए वेबसाइट बनाई, लेकिन जल्द ही उन्हें समझ आ गया कि यह सिलसिला उन्हें स्थायित्व तो दे सकता है लेकिन वह बुलंदी नहीं जिसकी उन्हें चाहत थी।
उम्मीद और मेहनत का नतीजा
दो दशक पहले वैश्विक आयातक और निर्यातकों की पहुंच देश के उत्पादों तक न के बराबर थी। दिनेश ने इसे संभावना के तौर पर देखा और इंडियामार्ट पर कंपनी उत्पादों की ऑनलाइन सूची बनाना शुरू किया। वे कहते हैं, वह उम्मीदों और मेहनत से भरे दिन थे। मैं खुद हर रोज हजारों चि_ियां पोस्ट करता था। अपनी कामयाबी में वे शुरुआती कर्मचारियों, अपने परिवार और पत्नी की भूमिका अहम मानते हैं।
मुश्किल वक्त भी देखा
इंडियामार्ट शुरू होने के कुछ ही साल बाद वल्र्ड ट्रेड सेंटर ध्वस्त हो गया। इस दौर में इंडियामार्ट का बिजनेस 40 प्रतिशत तक गिर गया। दिनेश बताते हैं कि एक दौर ऐसा भी आया जब कर्मचारियों को सेलरी के बदले कंपनी के शेयर दिए गए।
कामयाबी का शार्ट कट नहीं
दिनेश मानते हैं कि अगर आप धीरज के साथ कोई बिजनेस शुरू करते हैं और लगातार बिना किसी परवाह के जुटे रहते हैं, तो कामयाबी निश्चित मिलती है। लंबी सोच के साथ व्यापार शुरू करना और इसके लिए जरूरी धैर्य बनाए रखना वे कामयाबी की पहली शर्त मानते हैं। वे कहते हैं, आइडिया आपको शुरुआती सफलता दिला सकता है, लेकिन बड़ी कामयाबी के लिए धैर्य और मुश्किल वक्त में सही फैसले ही मददगार होते हैं।
3 करोड़ खरीदार, 2.5 करोड़ विक्रेता हैं इंडियामार्ट पर
3.3 करोड़ उत्पाद सूचीबद्ध हैं साइट पर
3000 से ज्यादा कर्मचारी काम करते हैं कंपनी में
100 से ज्यादा ऑफिस हैं फिलहाल। जल्द ही 40 नए ऑफिस खोलने की योजना
1 नंबर पर है ऑनलाइन मार्केटप्लेस के मामले में इंडियामार्ट भारत में। दुनिया में अलीबाबा के बाद दूसरी बड़ी कंपनी