2019 में रियल्टी बाजार: 286 अरब रुपए का निवेश होगा देश के रियल्टी क्षेत्र में

सचिन श्रीवास्तव

 इस साल भारत के रियल्टी बाजार में 4.2 अरब डॉलर यानी करीब 286 अरब रुपए निवेश की संभावना है। कशमैन एंड वेकफील्ड की द ग्रेट वॉल ऑफ मनी रिपोर्ट के मुताबिक, दुनिया भर में 2017 में रियल्टी क्षेत्र में 435 अरब डॉलर (करीब 29592 अरब रुपए) के पूंजी निवेश की संभावना है। इसमें से करीब 9 प्रतिशत निवेश भारत में होगा। बीते साल के मुकाबले रियल्टी निवेश में 2 प्रतिशत की गिरावट की आशंका है, लेकिन 2009 के बाद प्रॉपर्टी सेक्टर में यह दूसरा सबसे बड़ा निवेश होगा। 2016 में पूरी दुनिया में 443 अरब डॉलर (करीब 30124 अरब रुपए) का निवेश हुआ था, जो अब तक का सबसे बड़ा निवेश था।
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29592 अरब रुपए के पूंजी निवेश होने की संभावना है दुनियाभर के रियल्टी बाजार में इस साल
09 प्रतिशत निवेश भारत में होने की उम्मीद
02 प्रतिशत की गिरावट आने की आशंका है वैश्विक निवेश में
30124 अरब रुपए का निवेश हुआ था बीते पूरी दुनिया के रियल्टी क्षेत्र में
2009 के बाद रियल्टी सेक्टर का दूसरा सबसे बड़ा निवेश गिरावट के बावजूद
2011 के बाद पहली बार दर्ज की गई है निवेश में गिरावट
12वां पसंदीदा स्थान है निवेशकों का भारत
61 प्रतिशत निवेशक कई देशों के बजाय किसी एक देश के बाजार पर जता रहे भरोसा

भारत आकर्षण का केंद्र
भारत अब भी वैश्विक निवेश केंद्र के तौर पर आकर्षण बनाए हुए है। खासतौर पर सरकार की ओर से विकास दर बनाए रखने के लिए उठाए गए कदमों ने भी माहौल मजबूत किया है। भारत के शीर्ष वैश्विक निवेश स्थल में शामिल होने से पता चलता है कि निवेशकों का भारत पर भरोसा मजबूत है।
अंशुल जैन, मैनेजिंग डायरेक्टर (इंडिया), कशमैन एंड वेकफील्ड


एशिया-प्रशांत में एक तिहाई निवेश
रिपोर्ट के मुताबिक, एशिया-प्रशांत क्षेत्र में पूरी दुनिया के रियल्टी निवेश का 30 प्रतिशत हिस्सा आएगा। चीन, जापान, ऑस्ट्रेलिया और हांग कांग को दुनिया के शीर्ष 10 देशों में जगह मिली है, जबकि सिंगापुर और भारत को सूची में क्रमश: 12वां और 15वां स्थान मिला है। इसका पता चलता है कि एशिया-प्रशांत क्षेत्र में विकास की प्रबल संभावना और यहां निवेशकों को आकर्षक रिटर्न की उम्मीद है।

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छह साल बाद घटा निवेश
2011 के बाद से लगातार रियल्टी क्षेत्र में वैश्विक निवेश बढ़ रहा था। छह साल बाद यह पहला मौका है, जब निवेश में आंशिक कमी के आसार हैं। हालांकि बाजार विशेषज्ञ मानते हैं कि यह कमी मायने नहीं रखती है और हालात बेहतर होने के संकेत हैं। जो कमी आई है, वह उभरते बाजारों के बजाय कुछ ही हिस्सों में आई है। साथ ही ज्यादातर देश कमी से अप्रभावित रहेंगे।

9 प्रतिशत की गिरावट यूरोप, पश्चिम एशिया और अफ्रीका में
यूरोप, पश्चिम एशिया और अफ्रीका में 8840 अरब रुपए निवेश के आसार हैं, जो बीते साल के मुकाबले 9 प्रतिशत कम है। वहीं अमरीका का निवेश 2 प्रतिशत बढ़कर 11776 अरब रुपए होने का अनुमान जताया गया है। इसी तरह एशिया-प्रशांत में आंशिक बढ़त के साथ 8976 अरब रुपए निवेश की उम्मीद है।
क्षेत्र                                निवेश                     प्रतिशत
यूरोप, पश्चिम एशिया     8840 अरब रुपए        29.87   
और अफ्रीका   
अमरीका                        11776 अरब रुपए     39.79
एशिया-प्रशांत                  8976 अरब रुपए     30.44

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मलेशिया, ताइवान उभरते बाजार
रिपोर्ट में उम्मीद जताई गई है कि 2017 में परंपरागत बाजारों के अलावा कुछ नए क्षेत्र भी तेजी से आगे बढ़ेंगे। वहीं मध्यम श्रेणी के कुछ रियल्टी बाजारों भी दौड़ में आगे आएंगे। इस साल चीन, मलेशिया, ताइवान और दक्षिण अफ्रीका के बाजार में सबसे ज्यादा मजबूती की उम्मीद जताई गई है।

एक देश में निवेश पर जोर
बीते सालों में निवेशकों ने जो रणनीति अपनाई है उसके मुताबिक कई देशों के रियल्टी बाजार में थोड़ा-थोड़ा निवेश करने के बजाय एक ही देश में निवेश को तरजीह दी जा रही है। इस साल यह ट्रेंड मजबूत होगा। रिपोर्ट के मुताबिक 61 प्रतिशत निवेश एक देश में होगा। यह तीन साल पहले के मुकाबले 55 प्रतिशत ज्यादा है।

4 शीर्ष निवेश स्थल
1- शीर्ष पर अमरीका: 2017 में अमरीका सबसे ज्यादा रियल्टी निवेश अमरीका में ही होगा। 2016 के दौरान निवेश में कुछ कमी आई, लेकिन अब भी यह बड़ा बाजार है।
2- चीन का दबदबा: तेज विकास दर के साथ दूसरा पसंदीदा देश रहेगा निवेशकों का। चीन में सबसे ज्यादा बाहरी निवेश अमरीका से आने की उम्मीद जताई गई है।
3- ब्रिटेन का आकर्षण बरकरार: यूरोपीय यूनियन से बाहर जाने के बावजूद निवेशकों का आकर्षण बरकरार रहने की उम्मीद है। यहां निवेशक बहुत ज्यादा राजनीतिक हलचल न होने तक रुकने के नीति अपना रहे हैं।
4- जर्मनी में मांग तेज: यूरोपीय अर्थव्यवस्थाओं में अपनी मजबूती साबित कर चुके जर्मनी पर निवेश भरोसा जता रहे हैं। यह चौथी पसंदीदा अर्थव्यवस्था बनी है।